फसलों को नुकसान पहुंचा रहे आवारा मवेशी, ग्रामीण छोड़कर जा रहे शहर में, वाहन चालक, दुकानदार परेशान

पंचायतों में नहीं बन सके चारागाह, खेतों में पहुंच जाते हैं मवेशी

<p>Stray cattle causing damage to crops, villagers leaving the city, drivers, shopkeepers upset</p>

बीना. खेतों में खरीफ फसल खड़ी है और आवारा मवेशी फसलों को क्षति पहुंचा रहे हैं। फसलों को बचाने के लिए किसान आवारा मवेशियों को एकत्रित कर शहर में छोड़कर जा रहे हैं, जिससे शहर की हर सड़क पर इनका जमावड़ा बना रहता है और शहरवासी परेशान हैं।
पंचायतों में चरनोई जगह पर मनरेगा से चारागाह बनाए जाने थे, लेकिन कब्जा होने के कारण मवेशियों को चरने जगह नहीं मिल रही है और खेतों में फसलें होते ही यह नुकसान करते हैं। फसलों को बचाने के लिए किसान परेशान होते हैं और मवेशियों को एकत्रित कर शहर में छोड़ जाते हैं। अभी शहर में यह स्थिति है कि हर सड़क पर मवेशियों को जमावड़ा है, जिससे वाहन चालक, दुकानदार सभी परेशान हैं। यह मवेशी लोगों को घायल भी कर देते हैं। नगरपालिका द्वारा मवेशियों को पकडऩे का अभियान भी चलाया था, लेकिन कुछ मवेशी ही पकड़े गए हैं। शहर का सर्वोदय चौराहा जो सबसे व्यस्त चौराहा है, वहां हमेशा ही मवेशी बैठे रहते हैं। इसी तक आगासौद रोड, खिमलासा रोड, खुरई रोड पर स्थिति रहती हैं। वार्डों के अंदर भी बड़ी संख्या में मवेशी पहुंच गए हैं। ग्रामीण क्षेत्र में गौशालाएं भी बनाई गई हैं, लेकिन वहां तक मवेशी नहीं पहुंच पाते हैं और कुछ गौशालाएं अभी चालू भी नहीं हो पाई हैं।
फसलें बचाना हो रहा मुश्किल
किसान मनोज सिंह ने बताया कि देरी से बारिश होने के कारण पहले ही फसलें प्रभावित हो गई हैं और अब आवारा मवेशी फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। फसलों को बचाने मवेशियों को खेतों से दूर छोड़कर आते हैं। सभी गांवों में यह स्थिति बनी हुई है। आवारा मवेशियों को गौशाला में छुड़वाना चाहिए या फिर जिन लोगों के मवेशी हैं उनपर कार्रवाई होना चाहिए।
तीन हजार हेक्टेयर से ज्यादा है चरनोई जमीन
ब्लॉक में तीन हजार हेक्टेयर से ज्यादा चरनोई जमीन है, लेकिन कब्जा होने के बाद यहां मवेशियों को चारा नहीं मिल पाता है। इसके बाद भी यहां से कब्जा हटवाने के लिए कोई प्रयास नहीं किए जाते हैं।

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