-मैनटेनेंस का बहाना बना रहे
इस मामले में रेलवे मंडल के अधिकारियों का तर्क यह है कि भोपाल स्टेशन पर पहुंचने के बाद रीवांचल एक्सप्रेस ट्रेन के मैनटेनेंस का काम होता है। इस वजह से उसे स्टेशन के पास खड़ा किया जाता है। लेकिन जानकार बताते हैं कि मैनटेनेंस का काम रीवा स्टेशन पर भी हो सकता है। क्योंकि यह ट्रेन यहां भी कई घंटों तक खड़ी रहती है। देखा जाए तो यदि रेल अधिकारी चाहें तो एेसा संभव होना कोई बड़ी बात नहीं है।
-मरीजों को मिलेगी राहत
सागर, दमोह, खुरई से बड़ी संख्या में लोग नागपुर जाते हैं। यदि रीवांचल टे्रन को नागपुर तक बढ़ाया जाता है तो निश्चित रूप से यात्रियों को काफी राहत होगी। इधर, उपचार के लिए भी लोग नागपुर जाते हैं। सीधी ट्रेन न होने के कारण मरीजों को चेकअप कराने के लिए बसों से नागपुर जाना पड़ता है। नागपुर तक जाने के लिए एक भी सीधी ट्रेन नहीं है। सागर से नागपुर जाने के लिए यात्रियों को बीना से भोपाल या फिर नागपुर के लिए ट्रेन पकडऩी पड़ती है।
नागपुर के लिए यदि सीधी ट्रेन चलने लगे तो काफी राहत होगी। शहर के प्रतिदिन करीब २ सौ से ज्यादा यात्री बसों से नागपुर की ओर जाते हैं। समय के अलावा किराया भी अधिक देना पड़ता है।
मकसूद खान, सचिव जिला हॉकी संघ
दक्षिण भारत के लिए एक भी सीधी ट्रेन न होना बेहद आश्चर्य की बात है। इस बात को जनप्रनिधियों को उठानी चाहिए और रेलवे बोर्ड से जल्द बात कर रीवांचल एक्सप्रेस ट्रेन को नागपुर तक के लिए चलाए जाने की बात को मनवाना चाहिए।
शिवदयाल बड़ोनिया, अधिवक्ता