रेलवे में निजीकरण के विरोध में किया विरोध प्रदर्शन

डब्ल्यूसीआरइयू की दोनों ब्रांच हुईं शामिल

<p>Protests against privatization in railways</p>

बीना. केंद्र सरकार द्वारा रेलवे में किए जा रहे निजीकरण के विरोध में ऑल इंडिया रेलवे फेडरेशन के आह्वान एवं डब्ल्यूसीआरइयू के तत्वावधान में पूरे देश में रेल कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया। इसी के तहत बीना स्टेशन पर भी रविवार को डब्ल्यूसीआरइयू की दोनों ब्रांचों ने संयुक्तरूप से सोशल दूरी का पालन करते हुए प्रदर्शन किया। इसके साथ ही केन्द्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। इस अवसर पर जोनल सहायक महामंत्री संजय जैन ने बताया कि केंद्र सरकार जानबूझकर इस प्रकार की नीति लागू कर रही है कि रेलवे से सरकार को मुक्ति मिल सके और इसके बर्बाद होने का ठीकरा रेल कर्मचारियों पर फोड़ा जाए। कमीशन के साथ ही निजीकरण किया जा रहा है। विरोध प्रदर्शन डीए की तीन किश्ते रोकने, पुरानी पेंशन योजना को फिर से बहाल कराने, पचास प्रतिशत रिक्त पदों को सरेंडर करने, रेल को प्राइवेट ऑपरेटर को सौंपने, लार्जेस योजना को फिर से चालू नहीं करने, महिला रेलकर्मियों की सीसीएल में कटौती करने सहित अन्य मांगों को लेकर किया गया। जॉर्ज सैमुअल, एसके निरंजन, रवि राय, संतोष सैनी ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। सभी ने चेतावनी दी है कि कोरोना की स्थिति सामान्य होने के बाद अनिश्चितकालीन रेल हड़ताल की जाएगी। इस अवसर पर काजिम जैदी, वीके दुबे, आरके जैन, हरीमोहन कौशिक, नवनीत सिरोठिया, अफसर अली, सोहन सैनी, रवि प्रजापति, वासु यादव, चंद्रकांत सोलंकी, सुरेंद्र अग्निहोत्री, शशिभूषण, अभिषेक यादव, भूपेंद्र राजपूत, रामगोपाल यादव, हेमंत सेन, सतीश रजक, मनीष रजक, चेतन शर्मा, दीपक जैन, हैदर खान, संदीप यादव, धर्मेंंद्र सोलंकी, मुकेश त्रिपाठी, विमल वाल्मीकि, मनीष राय, अजय रैकवार, जितेंद्र पाल सहित अन्य रेलकर्मी उपस्थित थे।

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