जानकारी के अनुसार आयोग ने कहा है कि आम जनता, राजनैतिक दलों एवं अन्य हितधारकों से सीधे संपर्क में आने वाले मैदानी अधिकारी, कर्मचारियों का यह दायित्व बनता है कि विधानसभा के मद्देनजर अपनी प्रत्येक गतिविधि से पारदर्शिता व निष्पक्षता की नजीर पेश करें।
इसके लिए उन्हें रूल ऑफ लॉ के सिद्धांत का अक्षरश: पालन करना होगा। अधिकारी कर्मचारियों को सिंद्धात का पालन करते हुए विभिन्न अधिनियम जैसे दंड प्रक्रिया संहिता, भारतीय दंड संहिता, संपत्ति विरूपन निवारण, कोलाहल नियंत्रण, मोटरयान, आबकारी, आम्र्स आदि के प्रावधानों का पालन सुनिश्चित करना चाहिए। आवश्यकतानुसार प्रतिबंधात्मक कार्रवाई अथवा दंडात्मक के लिए अनुविभागीय दंडाधिकारी, कार्यपालिक मजिस्ट्रेट अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस), थाना प्रभारी, निरीक्षक आदि जिम्मेदार हैं। निर्देशों में कहा गया है कि, जिला निर्वाचन अधिकारी व एससपी का मैदानी अमले की मॉनिटरिंग करेंगे। लापरवाही मिलने पर कार्रवाई कर चुनाव आयोग को अवगत कराएंगे।
दिव्यांग मतदाताओं को किया जागरूक
स्वीप प्लान के तहत दिव्यांगजनों को जागरूक करने घरोंदा आश्रम में स्वीप टीम ने कार्य किया। दिव्यांगों के लिए चुनाव आयोग द्वारा क्या-क्या सुविधाएं दी जा रही हैं, की जानकारी दी। आश्रम संचालक प्रीति यादव ने बताया कि मतदाता परिचय-पत्र के लिए पात्र 17 दिव्यांगों के फॉर्म-06 जिला निर्वाचन कार्यालय में जमा किए हैं। इस अवसर पर हरीराम अहिरवार, विजय अहिरवार, उजयार पटेल, माधवी जाट, प्रभा सेन, प्रताप कुर्मी, सनी जैन, महेश अहिरवार थे। चुनावों में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी न हो इसके लिए प्रशासन कई तरह से काम कर रहा है। लोगों को नियम कायदे में रहने की सीख भी दी जा रही है।
जिला व्यय अनुवीक्षण सेल का गठन
विधानसभा चुनाव में निर्वाचन व्यय से संबंधित विभिन्न दलों द्वारा किए गए कार्यों पर समन्वय एवं निगरानी रखने के लिए जिला व्यय अनुवीक्षण सेल का गठन किया गया है।