पर्वों का संगम : चैत्रनवरात्र, रमजान,वैसाखी और गुड़पड़वा एक साथ, कोरोना के चलते नहीं होंगे सामुहिक आयोजन

अक्सर हर साल यह होता है कि सभी धर्मों के पर्व, त्योहार कुछ दिन आगे-पीछे मनाए जाते हैं। कभी हिंदू धर्म का पर्व पहले आता है तो कभी इस्लाम, ईसाई और सिख धर्म के पर्व पहले मनाए जाते हैं। ऐसा संयोग बहुत कम देखने को मिलता है, जब सभी धर्मों के पर्व-त्योहार साथ-साथ मनाए जा रहे हों

सागर.अक्सर हर साल यह होता है कि सभी धर्मों के पर्व, त्योहार कुछ दिन आगे-पीछे मनाए जाते हैं। कभी हिंदू धर्म का पर्व पहले आता है तो कभी इस्लाम, ईसाई और सिख धर्म के पर्व पहले मनाए जाते हैं। ऐसा संयोग बहुत कम देखने को मिलता है, जब सभी धर्मों के पर्व-त्योहार साथ-साथ मनाए जा रहे हों। इस साल ऐसा संयोग बन रहा है, जब हिंदू, मुस्लिम, सिख, बौद्ध, जैन और सिंधी समाज के पर्व, त्योहार एक साथ मनाए जाएंगे। यह संयोग इस बार अगले सप्ताह 13 अप्रेल को शुरू हो रहे हिंदू नववर्ष के दिन बन रहा है। पर्वों के संगम के साथ कोरोना ने रफ्तार पकड़ ली है, इसलिए सभी समाज के लोग गाइडलाइन का पालन करते हुए त्योहार मनाने पर विचार कर रहे हैं। वहीं सभी धार्मिक स्थलों पर सैनेटाइज और मास्क भी व्यवस्था रहेगी।
देवी आराधना १३ अप्रेल से
इस बार नव संवत्सर 13 अप्रेल को नवरात्र के साथ शुरू हो रहा है। इस दिन सुबह देवी मंदिरों में जोत प्रज्ज्‍वलन और घर-घर में घट कलश स्थापना की जाएगी। देवी भक्तों द्वारा नौ दिनों तक व्रत, उपवास करने का सिलसिला शुरू हो जाएगा। महंत घनश्याम महाराज ने बताया कि देवी मंदिरों में अधिक भक्तों को प्रवेश नहीं मिलेगा। मंदिरों सैनेटाइज और मास्क की व्यवस्था समाज के लोग मिलकर करेंगे।
१४ अप्रेल से रमजान, रोजा रखेंगे
१३ अप्रेल को चांद दिखाई दिया तो तो अगले दिन 14 अप्रेल से रमजान के रोजे रखने की शुरुआत होगी। यदि चांद नहीं दिखाई देता है तो 15 अप्रेल से रोजा रखा जाएगा। मुस्लिम समाज के लोग दिन भर व्रत रखकर शाम को इफ्तार करेंगे। जमीअत उल उलेमा के जिला अध्यक्ष नासिर अली ने बताया कि कोविड १९ की गाइडलाइन का पालन किया जाएगा। समाज के लोगों से अपील की जा रही है कि मस्जिद में मास्क लगाकर ही आएं। रमजान के समय सोशल डिस्टेंस का ध्यान रखा जाएगा।
सिख धर्म में बैसाखी की अरदास
नवरात्रि के पहले दिन 13 अप्रेल को ही सिख धर्म के लोग गुरुद्वारों में बैसाखी के मौके पर गुरु ग्रंथ साहिब के समक्ष विशेष अरदास करेंगे। संपूर्ण विश्व में फैल रही कोरोना महामारी के खत्म होने की कामना करेंगे। गुरु सिंघ सभा के सचिव सतिंदर सिंह होरा ने बताया भगवान गंज स्थित गुरुद्वारे में सभी श्रद्धालुओं को मास्क लगाकर प्रवेश दिया जा रहा है। वैसाखी के पर्व पर भीड़ जमा नहीं करेंगे।
सिंधी समाज मनाएगा झूलेलाल महोत्सव
13 अप्रेल को ही सिंधी समाज के आराध्य भगवान झूलेलाल का जन्मोत्सव मनाया जाएगा। शहर में हर साल भव्य शोभायात्रा निकाली जाती है, लेकिन इस साल महामारी के चलते घर-घर में ही दीप प्रज्ज्वलन करके झूलेलाल की प्रतिमा विराजित कर पूजा की जाएगी। सिंधी समाज जिला प्रमुख कमल हिंदुजा ने बताया कि इस बार कोरोना संक्रमण को देखते हुए घरों में ही आयोजन होंगे। घर-घर दीपक जलाए जाएंगे।
महाराष्ट्रीयन समाज मनाएगा गुड़ीपड़वा
महाराष्ट्र मंडल के नेतृत्व में 13 अप्रैल को नवरात्रि पर महाराष्ट्र में मनाए जाने वाला प्रमुख पर्व गुड़ीपड़वा श्रद्धा, उल्लास से घर-घर में मनाया जाएगा। महाराष्ट्र समाज के सचिव रघु सूबेदार ने बताया कि गुड़ीपड़वा को सागर में ही उत्साह के मनाया जाता है। इस वर्ष कोविड १९ की वजह से घर पर ही उत्साह के साथ गुड़ीपड़वा का मनाया जाएगा।
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