रीवा में कन्या विश्वविद्यालय के लिए विधानसभा में आएगा संकल्प प्रस्ताव

-विधानसभा के पटल पर रखा जाएगा प्रस्ताव, शिक्षा के क्षेत्र में एक और उपलब्धि का प्रयास- छात्राओं को प्रवेश की समस्या के कारण एक और कन्या महाविद्यालय की उठ रही थी मांग

<p>Resolution resolution will come in the assembly of Girls University in Rewa</p>


रीवा। रीवा में एक और कन्या महाविद्यालय की उठ रही मांग के बीच जिले के विधायकों ने बड़ी मांग कर दी है। विधायकों ने सामूहिक रूप से विधानसभा में संकल्प प्रस्ताव पेश किया है कि रीवा में कन्या विश्वविद्यालय की स्थापना कराई जाए। सरकार यदि इस संकल्प पर अमल करती है तो रीवा के लिए बड़ी उपलब्धि होगी। यह संकल्प विधानसभा के आगामी सत्र में ही प्रस्तुत किया जाएगा। जिसमें गुढ़ विधायक नागेन्द्र सिंह, सिरमौर विधायक दिव्यराज सिंह, त्योंथर विधायक श्यामलाल द्विवेदी एवं मऊगंज विधायक प्रदीप पटेल आदि ने संयुक्त रूप से विधानसभा में अशासकीय संकल्प क्रमांक १, २,३,७ के तहत प्रस्ताव दिया है। जिस पर विधानसभा ने उच्च शिक्षा विभाग से इस संबंध में अभिमत भी मांग लिया है। बताया गया है कि विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम को शहर के कई संगठनों ने ज्ञापन देकर रीवा में छात्राओं को होने वाली प्रवेश में समस्या का उल्लेख करते हुए मांग उठाई थी कि यहां पर कन्या महाविद्यालय अथवा विश्वविद्यालय की स्थापना कराई जाए ताकि पूरे विंध्य की छात्राओं को पढऩे का अवसर मिल सके। विधानसभा अध्यक्ष गौतम भी इस संबंध में प्रयासरत हैं। अध्यक्ष होने की वजह से वह स्वयं कोई प्रस्ताव नहीं रख सकते इसलिए उन्होंने विधायकों को एक साथ प्रस्ताव लाने के लिए प्रेरित किया है। वह पहले ही कह चुके हैं कि रीवा और विंध्य क्षेत्र से जुड़े मामलों को प्राथमिकता में रखेंगे। बताया जा रहा है कि चार विधायकों ने एक साथ संकल्प प्रस्ताव रखा है। वहीं मनगवां विधायक पंचूलाल प्रजापति भी जिले में मांगे जा रहे इस शैक्षणिक संस्थान के समर्थन में है, कहा है कि वह भी समर्थन करेंगे।

– राष्ट्रीय स्तर की शिक्षा छात्राओं को मिलना जरूरी
भाजपा विधायकों ने अपने संकल्प प्रस्ताव में कहा है कि छात्राओं की संख्या रीवा में काफी अधिक रहती है। उन्हें राष्ट्रीय स्तर की शिक्षा मिलना जरूरी है। यह शिक्षा विश्वविद्यालय की स्थापना पर ही बेहतर तरीके से दी जा सकती है। विधायकों ने यह भी कहा है कि अन्य कई शहरों में एक से अधिक विश्वविद्यालय पहले से स्थापित हैं। इस कारण रीवा में एक कन्या विश्वविद्यालय अलग से खोला जा सकता है। इससे विंध्य क्षेत्र में छात्राओं के शैक्षणिक स्तर में बड़ा सुधार होगा।

सरकार ने मांगा रीवा का ब्यौरा
विधायकों के अशासकीय संकल्प प्रस्ताव पर सरकार ने विभागीय स्तर पर जानकारी जुटाना शुरू कर दिया है। इसके लिए अतिरिक्त संचालक उच्च शिक्षा से जानकारी मांगी गई है कि रीवा शहर और जिले में कितने शासकीय और अशासकीय कालेज हैं। इनमें छात्र एवं छात्राओं की संख्या क्या है। पिछले पांच साल में कितनी छात्राओं ने आवेदन किया है। पूरे शहर में कुल कितनी छात्राएं अभी अध्ययनरत हैं। जिले में कन्या महाविद्यालय कितने खुले हैं।
रीवा में वर्तमान में करीब 19 हजार की संख्या में छात्राएं विश्वविद्यालय और कालेजों में अध्ययनरत हैं। वहीं छात्रों की संख्या करीब 15 हजार है। इस तरह से यहां छात्रों से अधिक छात्राएं हैं। अतिरिक्त संचालक डा. पंकज श्रीवास्तव ने बताया कि शासन द्वारा कन्या महाविद्यालय एवं छात्राओं की शिक्षा से जुड़ी जो जानकारी मांगी गई थी, उसे बिन्दुवार भेजा गया है।

छह दशक पहले कन्या महाविद्यालय की हुई थी स्थापना
रीवा में छात्राओं को अलग शिक्षा देने के लिए 4 अगस्त 1961 को कन्या महाविद्यालय की स्थापना की गई थी। पहले साल 26 छात्राओं को प्रवेश दिया गया था। धीरे-धीरे इसका विस्तार होता गया और अब 6862 छात्राएं पढ़ रही हैं। यहां प्रवेश के लिए हर साल बड़ी संख्या में छात्राएं आती हैं। जिसमें दो से तीन हजार को प्रवेश नहीं मिल पाता और उन्हें दूसरे संस्थाओं की ओर जाना पड़ता है। यहां पर केवल रीवा जिले की नहीं बल्कि विंध्य क्षेत्र के कई जिलों से छात्राएं पढऩे के लिए आती हैं। विश्वविद्यालय की स्थापना से बेहतर शिक्षा यहां की छात्राओं को मिल सकेगी।
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