शासन की भेजी गई जानकारी में अधिकारियों ने बताया है कि जिले में ज्यादातर मशीनें छह साल पुरानी होने से तकनीकि खामियां आने लगी हैं। जिले में करीब एक हजार मशीनें का उपयोग हो रहा है। जो पुरानी हो गई हैं। मौसम खराब होने के कारण ज्यादातर मशीनों की बैट्री जवाब दे रही है। खाद्य शाखा में दोपहर खैरी समेत कई सेल्समैनों ने इंजीनियर को मशीन जांच के लिए दिया तो इंजीनियर ने जांच कर बताया कि बैट्री काम नहीं कर रही है। इसी तरह ज्यादातर मशीनों की बैट्री की दिक्कत रही। नई बैट्री लगाने के बाद चलने लगीं। बताया गया कि ज्यादातर मशीनों में नेटवर्क व तकनीकि खामियों के चलते वितरण प्रभावित होता है। समय से राशन का वितरण नहीं हो रहा है।
जिले में कबाड़ हो चुकी मशीनों के सहारे सात आगस्त को राशन दुकानों पर अन्नोत्सव कार्यक्रम आयोजित किए जाने की तैयारी चल रही है। जिला प्रशासन ने एक-एक दुकानों की व्यवस्था पर फोकस किया है। कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारियों ने सेल्समैनों से संपर्क कर मशीनों समेत अन्य व्यवस्थाओं का सुधार कराने में जुटे हैं।
जिले में वर्ष 20115 से पीओएस मशीन से राशन का वितरण किया जा रहा है। मशीनों में 2-जी नेटवर्क के उपकरण लगाए गए हैं, जबकि वर्तमान समय में 4-जी नेटवर्क चल रहा है। ऐसे में कई बार नेटवर्क के कारण भी वितरण प्रभावित होता है।