हड़ताल में फंसी 10 करोड़ की सीएम ग्रामीण पथ विक्रेता योजना, 10 हजार हितग्राहियों का लटका भुगतान

जिले में अजीविका मिशन के तहत 25 हजार महिलाओं के रोजगार पर संकट, शिथिल पड़ी हजारो स्व सममूहों के बैठक से लेकर अन्य प्रक्रियाएं

रीवा. जिले में पंचायत एवं ग्रामीण विभाग संयुक्त मोर्चा के अनिश्चित कालीन हड़ताल का साइट इफेक्ट अजीविका मिशन की योजनाओं पर भी पडऩे लगा है। अजीविका मिशन में मुख्यमंत्री ग्रामीण पथ विक्रेता योजना के तहत दस हजार से ज्यादा हितग्राहियों के आवेदनों का आवेदन सत्यापन करना है। अजीविका मिशन कार्यालय के कर्मचारियों के हड़ताल के चलते आवेदकों के सत्यापन का काम प्रभावि हो गया है। जिससे दस करोड़ रुपए की मुख्यमंत्री पथ विक्रेता योजना पर असर पडऩे लगा है। आवेदनों का सत्यापन नहीं होने से बैंक से भुगतान प्रभावित हो गया है।
पथ विक्रेता योजना के 10,672 हितग्राहियों का आवेदल लंबित
जिले में अजीविका मिशन में मुख्यमंत्री ग्रामीण पथ विक्रेता योजना के तहत 10,672 हितग्राहियों का आवेदन जमा कराए गए हैं। पथ विक्रेता योजना के तहत सरकार प्रत्येक आवेदक को दस-दस हजार बैंक के द्वारा दिए जाने की योजना चलाई है। जिससे छोटे-छोटे कारोबार चालू हो सकें। आवेदनों का सत्यापन नहीं होने से बैंक ने भुगतान रोक दिया है। कर्मचारियों के हड़ताल के तहत आवेदनों का सत्यापन नहीं हो पा रहा है। बताया गया कि आवेदनो का सत्यापन नहीं होने से आवेदकों को बैंक ऋण नहीं मिल पा रहा है। जिससे हितग्राही अजीविकास मिशन से लेकर बैंक का चक्कर काट रहे हैं।
समूहों की 25 हजार महिलाओं की योजनाएं प्रभावित
जिले में अजीविका मिशन के तहत 2400 स्व सहायता समूह की 25 हजार महिलाओं को समूहों के अनुदान व ऋण आदि की प्रक्रिया प्रभावित हो गई है। अजीविका मिशन के समूहों से जुड़ी महिलाओं ने बताया कि आजीविका मिशन से मिलने वाली सुविधाएं पिछले दस से दिन नहीं मिल रहीं है। जिससे स्व समूहों को संचालित करना मुश्किल हो रहा है। कर्मचारियों के हड़ताल के चलते स्वसमूहों में संचालित हो रहे छोटे-छोटे रोजगार भी प्रभावित होने लगा है। समूह की महिलाओं की अजीविकास समूहों पर ही निर्भर है।
Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.