जिला पंचायत CEO ने पंचायतों में उपयंत्री समेत 8 सचिवों को किया बर्खास्त, अन्य 8 निलंबित

पंचायतों में वित्तीय अनियमितता की अब की सबसे बड़ी कार्रवाई, लोकायुक्त, ईओडब्ल्यू से लेकर कलेक्टर कोर्ट में प्रकरणों की सुनवाई के बाद भी जमा नहीं कर रहे राशि

<p>anna utsav rewa mp, july 2021</p>
रीवा. जिला पंचायत सीईओ स्वप्निल वानखडे ने पंचायतों में भ्रष्ट्राचार करने वाले उपयंत्री समेत 16 पंचायत सचिवों पर बड़ी कार्रवाई की है। जिसमें उपयंत्री समेत आठ सचिवों की सेवा समाप्त की गई है। जबकि आठ को निंलबित किया है। कार्रवाई में ग्राम रोजगार सेवक भी शामिल हैं। जिनको पंचायत का प्रभार दिया गया था। इसकी सूचना से पंचायत अमले में अफरा-तफरी मची है। अधिकारियों का दावा है कि जिला पंचायत सीइओ स्तर पर पंचायतों में भ्रष्ट्राचार करने वाले पंचायत अमले के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी कारवाई की गई है।
सात पंचायत सचिव व एक उपयंत्री को निलंबित
पंचायतों में गड़बड़ी करने वाले 16 पंचायत अमले में से छह ग्राम रोजगार सेवक, एक उपयंत्री व एक सचिव पर वित्तीय अनियमितता के बाद वसूली जारी की गई। सीइओ की ओर से सुनवाई के बाद गड़बड़ी की गई राशि को जमा करने के लिए मौका दिया गया। इसके बाद भी बकाया राशि नहीं जमा की। और न ही इन कर्मचारियों ने अधूरे कार्य को पूर्ण कराया। नोटिस की प्रक्रिया पूरी होने के बाद मंगलवार को सीइओ ने उपयंत्री समेत सात पंचायत अमले की सेवा समप्त कर दिया है। इसी तरह सात पंचायत सचिव व एक उपयंत्री को निलंबित कर दिया है।
इनकी सेवा समाप्त
प्रभारी सचिव पंडुआ के प्रभारी सचिव व ग्राम रोजगार सेवक सुधाकर कुशवाहा, कचूर पंचायत के प्रभारी सचिव एवम रोजगार सहायक अवधेश प्रताप सिंह , सूती पंचायत के तत्कालीन सचिच अच्छेलाल हरिजन, सदहना पंचायत के प्रभारी सचिव व ग्राम रोजगार सेवक ब्रजेश द्विवेदी, बड़ा गांव के प्रभारी सचिव, रोजगार एवम सहायक पूर्णिमा द्विवेदी, कटांगी ग्राम पंचायत की सहायक प्रेरणा मिश्रा, पंचायत के मुस्तफा आरिफ और उपयंत्री केएल पट्टा
इन्हें किया निलंबित
पंचायत पंडुआ के तत्कालीन सचिव महेश पटेल व शशिकांत मिश्र, परसिया पंचायत के सचिव अरविंद सिंह, सरूई के सचिव सुनील सिंह, सदहना के सचिव रमाकांत तिवारी, डिहिया के सचिव कलमेश सिंह, सथिनी पंचायत के सचिव कमलभान सिंह सहित उपयंत्री केएल पट्टा को निंलबित कर दिया गया है।
वर्जन…
जिन पंचायत सचिव व ग्राम रोजगार सेवाकों की सेवा समाप्त की है। ये भ्रष्ट्राचार में लिप्त रहे। इसमें कुछ सचिव ऐसे भी शामिल हैं। जिनके खिलाफ ईओडब्ल्यू, लोकायुक्त जैसी कार्रवाई की गई है। वित्तीय अनियमिता के बाद वसूली के लिए भेजी गई नोटिस का न तो जवाब और न ही बकाया राशि जमा कर रहे थे। ऐसे प्रभारी सचिवों और उपयंत्री के खिलाफ निलंबन ओर सेवा समाप्त की कार्रवाई की गई है।
स्वप्निल वानखड़े, जिला पंचायत सीइओ
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