सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल लॉ एडमिशन टेस्ट (क्लैट) 2018 के नतीजे घोषित करने के आदेश बुधवार को ही दे दिए थे। 13 मई को कराई गई ऑनलाइन क्लैट परीक्षा के तुरंत बाद ही देश के छह हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दायर कर क्लैट परीक्षा के दौरान आईं कई विसंगतियों का उल्लेख करते हुए परीक्षा को रद्द करने की मांग की गई थी। दरअसल, 13 मई 2018 को हुई CLAT परीक्षा के दौरान बिजली जाने और कंप्यूटर के सही तरीके से काम न करने की वजह से हजारों स्टूडेंट पूरी तरह से परीक्षा नहीं दे पाए थे।
30 मई बुधवार को न्यायमूर्ति एल एन राव और न्यायमूर्ति एम एम शांतानगौदर की अवकाश पीठ ने शिकायत निवारण समिति से क्लैट अभ्यर्थियों की शिकायतों पर गौर कर छह जून तक अपनी रिपोर्ट दायर करने को भी कहा है। शिकायतों में 13 मई को संपन्न टेस्ट में कई तकनीकी एवं अन्य खामियां होने का आरोप लगाया गया है। शिकायत निवारण समिति की अध्यक्षता हाईकोर्ट के एक पूर्व न्यायाधीश कर रहे हैं। पीठ ने याचिकाकर्ता की उस दलील को खारिज कर दिया जिसमें उसने क्लैट 2018 की परीक्षा को खारिज कर परीक्षा दोबारा कराने की मांग की थी। सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल लॉ एडमिशन टेस्ट (क्लैट) 2018 के नतीजे घोषित करने के लिए बुधवार को रास्ता साफ कर दिया था।