उल्लेखनीय है कि पेपर लीक मामले में पहले से ही किरकिरी झेल रहे बोर्ड की अब पुर्नमूल्यांकन को लेकर आलोचना हो रही है क्योंकि इस प्रक्रिया के बाद 12वीं के 50 प्रतिशत विद्यार्थियों के अंकों में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। कुल 9 हजार 111 स्टुडेंट्स पे पुर्नमूल्यांकन के लिए आवेदन किया था जिसमें से ४ हजार ६३५ स्टुडेंट्स को बढ़े हुए अंक प्राप्त हुए।
रिपोर्टों के अनुसार, जिन शिक्षकों ने बोर्ड के पेपर चेक किए थे, उन्होंने सही उत्तरों को शून्य अंक दे दिए थे। कुछ शिक्षकों ने तो कई प्रश्नों की तो जांच ही नहीं की। इससे पहले, बोर्ड ने जब 26 मई को 12वीं का परिणाम घोषित किया था, तो नोएडा की मेघना श्रीवास्तव ऑल इंडिया टॉपर बनी थी। श्रीवास्तव ने 99.8 प्रतिशत अंक हासिल किए थे। जबकि, 99.6 प्रतिशत अंक हासिल कर अनुष्का चंद्रा सीबीएसइ परीक्षा 2018 में दूसरे स्थान पर रही थीं। समान अंक पाकर सात स्टुडेंट्स तीसरे स्थान पर रहे थे। दिव्यांग स्टुडेंट्स में केरल के पलक्कड़ जिले के ए. विजय गणेश पहले स्थान पर रहे थे।
सबसे ज्यादा प्रतिशत अंक केरल की राजधानी त्रिवेंद्रम को मिले थे, दूसरे स्थान पर तमिल नाडु की राजधानी चेन्नई रही और तीसरे स्थान राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली को मिला। त्रिवेंद्रम का पास प्रतिशत 97.32 रहा, चेन्नई और दिल्ली का पास प्रतिशत क्रमश: 93.87 और 89 रहा।