Indian Jyotish: ग्रहों के राजा सूर्य क्यों हैं विशेष, जानें सिंह राशि से इनका नाता

कलयुग के एकमात्र दृश्य देव हैं- सूर्य।

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भारतीय ज्योतिष में जहां सूर्य को ग्रहों का राजा माना जाता है। वहीं हिंदुओं में इन्हें आदि पंच देवों में स्थान प्राप्त है। और ये कलयुग के एकमात्र दृश्य देव हैं।

पंडित सुनील शर्मा के मुताबिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य एक ताकतवर ग्रह माने जाते हैं, जिनके संबंध में ये भी मान्यता है कि इन्हें सिंह राशि का स्वामित्व प्राप्त हैं। जानकारों के अनुसार सूर्य इतने बलशाली हैं कि वे अपने पास आने वाले ग्रहों के प्रभाव को जला तक देते हैं।

ऐसे में ज्योतिष में सूर्य से जुड़ी अनेक ऐसी जानकारियां हैं, जिनसे अधिकांश लोग अनिभिज्ञ हैं। आइए इन्हें जानते हैं :

 

सूर्य से जुड़ी रोचक जानकारी:

: सूर्य सभी नवग्रहों के मुखिया हैं।
: भारत में सूर्योपासना का वैदिक काल से ही प्रचलन रहा है।

: सूर्य के संबंध में मान्यता है कि इनके बाल और हाथ सोने के हैं।

: सूर्यदेव के जिस रथ की सवारी करते हैं उसको 7 घोड़े खींचते हैं।

: सूर्य देवता, आदित्यों में से एक, कश्यप और उनकी पत्नी अदिति के पुत्र माने जाते हैं।

: पौराणिक कथाओं के अनुसार, सूर्य के पुत्रों में मुख्य रूप से शनि व यम हैं। वहीं महाभारत के कर्ण को भी इन्हीं का पुत्र माना जाता है। इसके अलावा इनकी एक पुत्री यमुना भी हैं।

 

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: साप्ताहिक वारों में सूर्य का दिन ‘रविवार’ माना गया है, और वे ही इस दिन के कारक देव हैं।

: वेदों में सूर्य को जगत की आत्मा कहा गया है। वहीं कुंडली में यह आपके मान, सम्मान, यश व कीर्ति के अलावा अपमान के भी कारक माने जाते हैं।

: ज्योतिष शास्त्र में सूर्य को नव ग्रहों में राजा का पद प्राप्त है।

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: सूर्य देव की प्रसन्नता के लिए हर रोज इन्हें अर्घ्य देने का विधान है।

: सूर्य देव का मंत्र ‘ॐ घृणि सूर्याय नम:’ है।

: मान्यता के अनुसार सृष्टि में सर्वप्रथम सूर्यस्वरूप प्रकट होने के कारण इनका नाम आदित्य पड़ा।

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