योग:
विष्कुंभ नामक नैसर्गिक अशुभ योग पूर्वाह्न 11.02 तक, इसके बाद प्रीति नामक नैसर्गिक शुभ योग है। विशिष्ट योग: यमघंट नामक अशुभ योग सूर्योदय से सायं 6.05 तक, इसके बाद दोष समूह नाशक रवियोग नामक शक्तिशाली शुभ योग है। यमघंट योग में विशेषकर यात्रादि शुभ नहीं रहती
श्रेष्ठ चौघडि़ए:
आज सूर्योदय से प्रात: 8.03 तक शुभ, पूर्वाह्न 11.04 से अपराह्न 3.34 तक क्रमश: चर, लाभ व अमृत तथा सायं 5.05 से सूर्यास्त तक शुभ के श्रेष्ठ चौघडि़ए हैं एवं दोपहर 12.10 से दोपहर 12.58 तक अभिजित नामक श्रेष्ठ मुहूर्त है, जो आवश्यक शुभ कार्यारम्भ के लिए अत्युत्तम हैं।
राहुकाल:
दोपहर बाद 1.30 से अपराह्न 3.00 बजे तक राहुकाल वेला में शुभकार्यारंभ यथासंभव वर्जित रखना हितकर है।
शुभ मुहूर्त:
उपर्युक्त शुभाशुभ समय, तिथि, वार, नक्षत्र व योगानुसार आज किसी शुभ व मांगलिक कार्यादि के शुभ व शुद्ध मुहूर्त नहीं है।