परिक्रमा के दौरान कभी ऐसी स्थिति भी आ जाती है जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी एक ही कतार में आ जाते हैं
जबलपुर। साल का पहला सूर्य ग्रहण 16 फरवरी को होगा। वैसे तो इसका सूतक काल 15 फरवरी गुरुवार की रात 12:25 बजे से सुबह 4:28 तक रहेगा। ऐसे में यह सूर्य ग्रहण 16 फरवरी को माना जाएगा। भारत में यह दिखाई नहीं देगा लेकिन प्रशांत महासागर के कई देशों में इसे देखा जा सकेगा। भारत पर ना दिखाई देने के बावजूद कुछ राशियों पर और उच्च ग्रहों की स्थितियों के अनुसार जातकों पर यह नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। ज्योतिषाचार्य सत्येंद्र स्वरूप शास्त्री के अनुसार वैसे तो 15 फरवरी को है लेकिन भारतीय समय अनुसार देखें तो यह मध्यरात्रि से 4:00 तक रहेगा। जिसके मुताबिक 16 फरवरी को पड़ेगा। ग्रहण के दौरान भगवान के दर्शन ना करें और पूजा घर वालों को पर्दा दरवाजे बंद कर दे।
भौतिक वैज्ञानिकों के अनुसार पृथ्वी सूरज का उपग्रह है और उसके चक्कर लगाती है। चन्द्रमा पृथ्वी का उपग्रह माना जाता है और वह पृथ्वी के चक्कर लगाता है। परिक्रमा के दौरान कभी ऐसी स्थिति भी आ जाती है जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी एक ही कतार में आ जाते हैं। इसे सूर्यग्रहण के नाम से भी जाना जाता है।