शनिदेव का प्रभाव: अगले तीन साल तक इन राशि वालों को देंगे विशेष परिणाम

जानें कब किस राशि पर चलेगी शनि की साढे साती…

<p>Shani became most powerful planet in jyotish till 2024</p>

शनिदेव को न्याय का देवता कहा जाता है, ये कर्म के आधार पर दंड के विधान के तहत हर किसी को उसके द्वारा किए गए अच्छे या बुरे कर्मों के अनुसार फल प्रदान करते हैं। ज्योतिष ग्रहों में शनि ग्रह का सबसे महत्वपूर्ण स्थान है।

ज्योतिष के जानकारों का मानना है कि इस समय शनि की दिशा और दशा के चलते अगर आपकी कुंडली में शनि कारक ग्रह है तो आने वाले तीन सालों में यानि 2024 तक ऐसे व्यक्तियों को श्रेष्ठ परिणाम मिलेंगे

दरअसल ज्योतिष के कई जानकारों का मानना है कि वर्ष 2024 तक शनि सर्वाधिक प्रभावशाली ग्रह के रूप में रहेंगे। ऐसे में इनकी प्रबलता से कई लोगों के बिगड़े कार्य तक बन जाएंगे।

दरअसल न्याय और जनता के कारक शनिदेव वर्तमान में मकर राशि में गोचर कर रहे हैं, वहीं अप्रैल 2022 से वे कुंभ राशि में भ्रमण करेंगे और ढाई साल तक वहीं रहेंगे।

पंडित सुनील शर्मा के अनुसार शनिदेव अब 18 जनवरी 2023 तक मकर राशि में स्वगृही रहेंगे। इस बीच 30 अप्रैल 2022 से 9 जुलाई 2022 मे कुंभ राशि में गोचर करेंगे और फिर वक्री हो जाएंगे। ऐसा करते हुए शनि वर्ष 2024 तक स्वयं की राशियों में ही भ्रमण करेंगे।

जिसके चलते इन राशियों के जातकों के लिए साल 2024 बेहद खास रहने वाला है। स्वराशि में भ्रमण करने से शनिदेव खुश और प्रभावशाली रहेंगे। इससे समाज में लोगों के काम करने में गति आएगी। जबकि न्याय प्रणाली को सफलता मिलेगी, जिसके कारण जनता से जुड़े कानूनी मामलों में सुधार आएगा और रुके हुए कार्य तेजी से होंगे।

पंडित शर्मा के अनुसार अगर आपकी कुंडली में शनि कारक ग्रह है तो इन चार सालों में व्यक्ति को इसके श्रेष्ठ परिणाम मिलेंगे। इससे कार्यक्षेत्र में किए गए प्रयासों से सफलता मिलेगी साथ ही नए अवसर भी प्राप्त होंगे। इसके अलावा वरिष्ठ और उच्च वर्ग के अधिकारियों को अधिक मेहनत और लगन से कार्य करने के लिए शनि प्रेरित करेंगे जबकि गलत लोगों की पहचान सामने आएगी।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सभी ग्रह एक राशि से दूसरी राशि में भ्रमण करते रहते हैं। ऐसे में शनि राशि चक्र का भ्रमण 30 साल में पूरा करते हैं। शरीर के पांच तत्वों के आधार पर राशि को बांटा गया है। इनमें से एक तत्व पृथ्वी भी है। पृथ्वी तत्व की तीन राशियां हैं- वृषभ, कन्या और मकर ऐसे में शनि के प्रभाव से समाज में सक्रियता आएगी। वहीं ये भी माना जा रहा है कि शनि सरकार को कल्याणकारी प्रयासों के लिए प्रेरित करेंगे।


शनि के स्वराशि में जाने से ये होगा फायदा…
: न्याय व्यवस्था सुचारू ढंग से कार्य करेगी।

: कानूनी मामलों में भी सुधार आने के संकेत है।

: इतना ही नहीं, कुंडली में शनि कारक ग्रह है तो जातक को चार साल किए गए कर्मों का विशेष परिणाम मिलेगा।

: कार्यक्षेत्र में आपके द्वारा किए गए कार्य या प्रयास व्यर्थ नहीं जाएंगे, सफलता मिलने की पूरी संभावना होगी।

: लोगों को नए अवसर प्राप्त हो सकते है।

: गलत लोगों पर चलेगा शनिदेव का चाबूक, जीवन में कई परेशानियां झेलनी पड़ जाएंगी।

जानें शनि की साढे साती कब किसे….
– 29 अप्रैल 2022 से मकर, कुंभ और मीन राशि की जातकों पर शनि की साढ़ेसाती शुरू हो जाएगी।

– 12 जुलाई 2022 से शनि वक्री होकर यानी उल्टी चाल चलकर मकर राशि में शनि आ जाएंगे। तब धनु, मकर और कुंभ राशि में साढ़ेसाती शुरू हो जाएगी।

– 17 जनवरी 2023 में शनि फिर से कुंभ राशि में शनि का प्रवेश होगा। तब मकर, कुंभ और मीन राशि वाले जातकों पर शनि की साढ़ेसाती शुरू हो जाएगी।

– 29 मार्च 2025 को शनि मकर राशि में शनि प्रवेश करेंगे। तब कुंभ, मीन और मेष राशि के जातकों पर शनि की साढ़ेसाती शुरू हो जाएगी।

– 3 जून 2027 में शनि मेष राशि में शनि प्रवेश करेंगे। तब मीन, मेष और वृषभ राशि में शनि की साढ़ेसाती शुरू हो जाएगी।

– 20 अक्टूबर 2027 में मीन राशि में शनि गोचर करेंगे। तब एक राशि आगे और एक राशि पीछे यानी कुंभ, मीन और मेष राशि में शनि की साढ़ेसाती शुरू हो जाएगी।

– 23 फरवरी 2028 में मेष राशि में शनि गोचर करेंगे। तब मीन, मेष और वृषभ राशि में शनि की साढ़ेसाती शुरू हो जाएगी।

– 8 अगस्त 2029 में वृषभ राशि में शनि प्रवेश करेंगे। तब मेष, वृषभ और मिथुन राशि में शनि की साढ़ेसाती शुरू हो जाएगी।

– 5 अक्टूबर 2029 शनि वक्री होकर यानी उल्दी दिशा में चलकर फिर से मेष राशि में चले जाएंगे। तब मीन, मेष और वृषभ राशि में शनि की साढ़ेसाती शुरू हो जाएगी।

– 17 अप्रैल 2030 में शनि वृषभ राशि में प्रवेश करेंगे। तब एक राशि आगे और एक राशि पीछे यानी मेष, वृषभ और मिथुन राशि में शनि की साढ़ेसाती शुरू हो जाएगी।

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