दूसरा बाईपास से लगी जमीन में जो नया शहर बसाया जाएगा उसे ग्रीन फील्ड एरिया के नाम से पहचाना जाएगा उसका अलग प्लान बनेगा। दोनों शहरों में जो सबसे नया कॉन्सेप्ट जो आगे बड़ी भूमिका निभाने वाला है वह है चौराहों पर लगने वाले स्मार्ट पोल है।
इससे न केवल ट्रैफिक रूल तोडऩे वालों का चालान कट जाएगा वहीं मदद की स्थिति में इसके पैनिक बटन को दबाने से पुलिस पहुंचेगी। पूरे शहर में नई स्ट्रीट लाइटें लगाई जाएंगी जो कलेक्ट्रेट स्थित कंट्रोल एण्ड कमांड सेन्टर से नियंत्रित होंगी, तो शहर में अत्याधुनिक डस्टबिन रखे जाएंगे जो कचरे से पूरा भरते ही कंट्रोल सेंटर में सिग्नल भेज देंगे।
ऐसे करेगी काम
कंट्रोल सिस्टम पर हर पोल के दो सिग्नल होंगे। लाल और हरे। जैसे ही कोई एलइडी खराब होगी कंट्रोल सिस्टम में उस पोल का रंग लाल हो जाएगा। ली जाएगी निजी जमीन
स्मार्टसिटी के लिये आरक्षित जमीन के बीच में आने वाली निजी जमीन को स्मार्ट सिटी प्रबंधन अपने नियंत्रण में लेगा। इसका तरीका क्या होगा अभी इस पर निर्णय लिया जा रहा है। एक तरीका लैण्ड पुलिंग का है जिसमें लोगों की आधी जमीन लेकर पूरी जमीन की लैंड स्केपिंग की जाएगी। जिससे लैण्ड वैल्यू बढ़ जाएगी। दूसरा तरीका होगा भू-अर्जन का जिसमें तय नियमों के अनुकूल शासकीय दरों का मुआवजा दिया जाएगा। इनमें से कोई एक तरीका तय किया जाएगा।
कंट्रोल सिस्टम पर हर पोल के दो सिग्नल होंगे। लाल और हरे। जैसे ही कोई एलइडी खराब होगी कंट्रोल सिस्टम में उस पोल का रंग लाल हो जाएगा। ली जाएगी निजी जमीन
स्मार्टसिटी के लिये आरक्षित जमीन के बीच में आने वाली निजी जमीन को स्मार्ट सिटी प्रबंधन अपने नियंत्रण में लेगा। इसका तरीका क्या होगा अभी इस पर निर्णय लिया जा रहा है। एक तरीका लैण्ड पुलिंग का है जिसमें लोगों की आधी जमीन लेकर पूरी जमीन की लैंड स्केपिंग की जाएगी। जिससे लैण्ड वैल्यू बढ़ जाएगी। दूसरा तरीका होगा भू-अर्जन का जिसमें तय नियमों के अनुकूल शासकीय दरों का मुआवजा दिया जाएगा। इनमें से कोई एक तरीका तय किया जाएगा।
ऐसी होगी नई स्मार्ट सिटी
बाइपास से लगी जमीन में जो नई स्मार्ट सिटी (ग्रीन बेल्ट डवलपमेंट एरिया) बनाई जाएगी वह कई हिस्सों में होगी।
1/ टोड एरिया: स्मार्ट सिटी का यह पूरा हिस्सा कामर्शियल होगा। इस हिस्से को तैयार कर निजी लोगों को दिया जाएगा। जो यहां शॉपिंग काम्पलेक्स सहित अन्य व्यावसायिक गतिविधि वाले भवन और केन्द्र बनाएंगे।
2/ रेसीडेंसियल एरिया: यह पूरा रहवास एरिया होगा। यहां लोगों के रहने योग्य कालोनी और फ्लैट बनाए जाएंगे। इस हिस्से को तैयार कर निजी बिल्डरों व हाउसिंग बोर्ड को दिया जाएगा जो यहां भवन बनाएंगे।
3/ औद्योगिक जोन : सिटी के सबसे किनारे के हिस्से को नान पाल्यूशन वाला औद्योगिक जोन बनाया जाएगा। यहां प्रदूषण रहित लघु और कुटीर उद्योगों की स्थापना कराई जाएगी।
बाइपास से लगी जमीन में जो नई स्मार्ट सिटी (ग्रीन बेल्ट डवलपमेंट एरिया) बनाई जाएगी वह कई हिस्सों में होगी।
1/ टोड एरिया: स्मार्ट सिटी का यह पूरा हिस्सा कामर्शियल होगा। इस हिस्से को तैयार कर निजी लोगों को दिया जाएगा। जो यहां शॉपिंग काम्पलेक्स सहित अन्य व्यावसायिक गतिविधि वाले भवन और केन्द्र बनाएंगे।
2/ रेसीडेंसियल एरिया: यह पूरा रहवास एरिया होगा। यहां लोगों के रहने योग्य कालोनी और फ्लैट बनाए जाएंगे। इस हिस्से को तैयार कर निजी बिल्डरों व हाउसिंग बोर्ड को दिया जाएगा जो यहां भवन बनाएंगे।
3/ औद्योगिक जोन : सिटी के सबसे किनारे के हिस्से को नान पाल्यूशन वाला औद्योगिक जोन बनाया जाएगा। यहां प्रदूषण रहित लघु और कुटीर उद्योगों की स्थापना कराई जाएगी।
स्मार्ट अधोसंरचना
नइ स्मार्ट सिटी में जो अधोसंरचना विकास के काम होंगे वह स्मार्ट तरीके के होंगे। यहां स्मार्ट रोड होगी जो अन्डरग्राउण्ड सीवर के साथ फुटपाथ, साइकिल ट्रेक, स्मार्ट पोल के साथ तैयार की जाएंगी। यहां पूरी विद्युत सप्लाई अण्डर ग्राउण्ड होगी तो पानी सप्लाई, विद्युत सप्लाई, आप्टिकल फाइवर सब कुछ अण्डर ग्राउण्ड होगा। इसके अलावा यहां हरियाली के लिये तमाम पार्क, वाटर बाडी, प्ले ग्राउण्ड, जिम आदि सुविधाएं भी होंगी। एक तरह से यह पूरी तरह सपनो को शहर होगा।
नइ स्मार्ट सिटी में जो अधोसंरचना विकास के काम होंगे वह स्मार्ट तरीके के होंगे। यहां स्मार्ट रोड होगी जो अन्डरग्राउण्ड सीवर के साथ फुटपाथ, साइकिल ट्रेक, स्मार्ट पोल के साथ तैयार की जाएंगी। यहां पूरी विद्युत सप्लाई अण्डर ग्राउण्ड होगी तो पानी सप्लाई, विद्युत सप्लाई, आप्टिकल फाइवर सब कुछ अण्डर ग्राउण्ड होगा। इसके अलावा यहां हरियाली के लिये तमाम पार्क, वाटर बाडी, प्ले ग्राउण्ड, जिम आदि सुविधाएं भी होंगी। एक तरह से यह पूरी तरह सपनो को शहर होगा।
तैयार हुई ड्राइंग
स्मार्ट सिटी में सामुदायिक निर्माण की ड्राइंग डिजाइन तैयार हो गई है।
– बघेलखण्ड आर्ट एण्ड क्राफ्ट सेंटर
– लेक नेक्टर
– साइनथेसिस यह होगा फायदा
ट्रैफिक नियम तोडऩे पर कमांड कंट्रोल सिस्टम में वाहन नंबर दिख जाएगा। यह सेन्टर आरटीओ की साइट से लिंक होगा। जहां से संबंधित के नाम पर फोटो सहित चालान कट जाएगा। अगर पेनिक बटन दबता है तो सेंटर से तुरंत पुलिस को सूचित करते हुए मौके पर डायल 100 पुलिस भेजी जाएगी। वाईफाई से यहां लोग मोबाइल चला सकेंगे। चौराहों पर व्यवस्था बनाने के लिये स्पीकर से संदेश प्रसारित किए जा सकेंगे।
स्मार्ट सिटी में सामुदायिक निर्माण की ड्राइंग डिजाइन तैयार हो गई है।
– बघेलखण्ड आर्ट एण्ड क्राफ्ट सेंटर
– लेक नेक्टर
– साइनथेसिस यह होगा फायदा
ट्रैफिक नियम तोडऩे पर कमांड कंट्रोल सिस्टम में वाहन नंबर दिख जाएगा। यह सेन्टर आरटीओ की साइट से लिंक होगा। जहां से संबंधित के नाम पर फोटो सहित चालान कट जाएगा। अगर पेनिक बटन दबता है तो सेंटर से तुरंत पुलिस को सूचित करते हुए मौके पर डायल 100 पुलिस भेजी जाएगी। वाईफाई से यहां लोग मोबाइल चला सकेंगे। चौराहों पर व्यवस्था बनाने के लिये स्पीकर से संदेश प्रसारित किए जा सकेंगे।
ऐसा होगा स्मार्ट पोल
पैन सिटी (वर्तमान शहर) सहित प्रस्तावित स्मार्ट सिटी के सभी चौराहों में स्मार्ट पोल लगाए जाएंगे। जिसका आप्टिकल फाइबर कनेक्शन कलेक्ट्रेट स्थित कमांड एंड कंट्रोल सिस्टम से होगा।
– इसमें रोशनी के लिये सोलर लाइट होगी
– वाई फाई एक्सेस प्वाइंट होगा जिससे वाई फाई नेटवर्क मिलेगा
– चौराहे की गतिविधि और ट्रैफिक पर निगाह रखने कैमरा
– ट्रैफिक सिग्नल लाइट
– पब्लिक अनाउंसमेंट के लिये स्पीकर
– आपात स्थिति के लिये पेनिक बटन
पैन सिटी (वर्तमान शहर) सहित प्रस्तावित स्मार्ट सिटी के सभी चौराहों में स्मार्ट पोल लगाए जाएंगे। जिसका आप्टिकल फाइबर कनेक्शन कलेक्ट्रेट स्थित कमांड एंड कंट्रोल सिस्टम से होगा।
– इसमें रोशनी के लिये सोलर लाइट होगी
– वाई फाई एक्सेस प्वाइंट होगा जिससे वाई फाई नेटवर्क मिलेगा
– चौराहे की गतिविधि और ट्रैफिक पर निगाह रखने कैमरा
– ट्रैफिक सिग्नल लाइट
– पब्लिक अनाउंसमेंट के लिये स्पीकर
– आपात स्थिति के लिये पेनिक बटन
हम 60 दिन में इस पूरे प्रोजेक्ट का विस्तृत प्राक्कलन बनवा लेंगे। इसके बाद शीघ्र निविदा प्रक्रिया प्रारंभ की जाएगी। इन कार्यों को प्रारंभिक स्वीकृति दे दी गई है।
प्रवीण सिंह अढ़ायच, निगमायुक्त
प्रवीण सिंह अढ़ायच, निगमायुक्त