नगर निगम फिल्टर प्लांट से हो रही पानी की तस्करी, निजी टैंकर चालक बेच रहे 500 से 800 रुपए

जनता का आधा पानी बेच रहे कर्मचारी: 100 से 150 रुपए लेकर भर रहे निजी टैंकर, 500 से 800 रुपए प्रति टैंकर बेच रहे हैं जनता का पानी

<p>nagar nigam water smuggling in satna</p>
सुखेंद्र मिश्र @ सतना। पेयजल किल्लत वाली कॉलोनियों को निगम का आधा साफ पानी पैसे लेकर बेचा जा रहा है। नगर निगम के फिल्टर प्लांट में पानी बेचने का धंधा चल रहा है। जल अभावग्रस्त कॉलोनियों में टैंकर से पानी सप्लाई की आड़ में जलकार्य विभाग के कर्मचारी निजी टैंकर संचालकों को पानी बेचकर प्रतिदिन हजारों रुपए की वसूली कर रहे हैं।
स्टिंग किया तो यह कड़वी सच्चाई सामने आई

ये टैंकर वाले यहां से सौ रुपए से 150 रुपए में पानी खरीदकर लोगों को 500 से 800 रुपए प्रति टैंकर में बेच रही है। ऐसे में जनता के हिस्से का आधा पानी निगम के जरिए उन तक नहीं पहुंच रहा, बाद में उन्हें तीन से पांच गुना तक पैसे देकर खरीदना पड़ रहा है। शुक्रवार को पत्रिका रिपोर्टर ने ग्राहक बनकर निजी टैंकर संचालकों तथा फिल्टर प्लांट में पानी भरने की कतार में खड़े टैंकर चालकों का स्टिंग किया तो यह कड़वी सच्चाई सामने आई।
निगम कर्मचारियों के साथ मिलीभगत

टैंकर चालकों ने कबूल किया कि दिन में 150 रुपए तथा रात में 100 में एक टैंकर पानी खरीद रहे हैं। शाम को निगम के टैंकरों से पानी सप्लाई बंद होने के बाद शाम 6 से रात 10 बजे रात तक फिल्टर प्लांट में निजी टैंकरों की लाइन लगती है। टैंकर वाले निगम कर्मचारियों के साथ मिलीभगत कर रात के अंधेरे में पानी का खुलेआम अवैध कारोबार कर रहे हैं।
प्रतिदिन 5 से 10 हजार की कमाई
नाम न छापने की शर्त पर फिल्टर प्लांट में तैनात एक कर्मचारी ने बताया, यहां से प्रतिदिन 2.50 लाख से तीन लाख लीटर फिल्टर वाटर निजी टैंकर सप्लायरों को बेचा जा रहा है। इससे कर्मचारियों को प्रतिदिन 5 हजार से दस हजार रुपए की अवैध कमाई हो रही है। इसके अलावा गरीब बस्तियों में निगम प्रशासन द्वारा टैंकर से पानी की जो सप्लाई हो रही है उसमें से आधा पानी रास्ते में रसूखदार परिवारों को 300 रुपए में बेच दिया जाता है।
फिल्टर प्लांट से सिर्फ नगर निगम के टैंकरों को जलापूर्ति की जाती है। यदि निजी टैंकरों को पानी दिया जा रहा है तो यह बहुत गंभीर मामला है। मैं कल इसकी जांच कर मामले को दिखवाता हूं।
प्रवीण सिंह अढ़ायच, निगम आयुक्त, सतना
टैंकर संचालक से फोन पर बातचीत के अंश
– रिपोर्टर- हैलो…, टैंकर संचालक झल्लू बोल रहे हैं।
– जवाब -हां बोल रहा हूं, बताइए क्या काम है?
– रिपोर्टर – मैं नईबस्ती से बोल रहा हूं। एक टैंकर पानी की जरूरत थी।
– जवाब – मिल जाएगा, कब चाहिए?
– रिपोर्टर – कितने में देंगे?
– जवाब – फिल्टर पानी चाहिए तो 500 रुपए लगेंगे।
– रिपोर्टर- शुद्ध पानी ही चाहिए, लेकिन लाएंगे कहां से?
– जवाब- पीएचई से भर कर लाते हैं।
– रिपोर्टर- पीएचई में निजी टैंकरों को पानी प्रतिबंधित है। फिर कैसे दंेगे?
– जवाब – वह हमारा काम है। दाम देने पर सब कुछ मिल जाता है।
फिल्टर प्लांट में टैंकर चालक से बातचीत
– रिपोर्टर- भाई एक टैंकर पानी चाहिए, मिल जाएगा?
– चालक- किस मोहल्ले में?
– रिपोर्टर – नईबस्ती मुन्नू होटल के पास।
– चालक- मिल जाएगा, लेकिन 500 रुपए लगेंगे?
– रिपोर्टर- तुम्हारा टैंकर तो निगम की ओर से लगा है?
– चालक- हां, पर एक टैंकर पानी चाहिए तो फ्री में नहीं मिलेगा?
– रिपोर्टर- चलो 400 ले लेना।
– चालक- 500 से कम नहीं होगा। दूसरे एक हजार में बेचते हैं?
– रिपोर्टर – ठीक है, कितने बजे भेजोगे?
– चालक- मेरा नंबर ले लीजिए, दो-तीन चक्कर लगाने के बाद शाम तक बताऊंगा?
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