नीले घोड़े पर सवार शीश के दानी जब नगर में निकले तो हजारों शीश समर्पण भरी श्रद्धा से झुक गए।
खाटूश्यामजी के फाल्गुनी लक्खी मेले में एकादशी पर रंगों से रंगे व भावों से भरे भक्त बाबा श्याम में एकीभाव हो गए।
कोरोना वायरस की पाबंदियों व आशंकाओं के बीच भी करीब डेढ़ लाख लोगों ने एकादशी पर श्याम बाबा के धोक लगाई। जो इस साल मेले में अब तक की सबसे बड़ी संख्या रही।
नगर भ्रमण के बहाने भक्तों को मनोहारी दर्शन देने बाबा श्याम दर से बाहर निकले तो प्रेमी भक्त अपने प्रेमास्पद के प्रेम रस में तरबतर हो गए।
उत्साह व उमंग में डूबा प्रेम पग-पग और रोम-रोम में उमग रहा था।
नाचते-गाते भक्तों का आस्था से भरा आनंद व उल्लास भी ह्रदय में ना समाकर इत्र-फूलों की सौंधी सुगंध संग हर ओर उमड़-बिखर रहा था।