कृष्ण जन्मोत्सव पर रात में हुए भक्तिमय कार्यक्रम, यादव महासभा ने निकाली बाल-गोपाल की झांकी

पूजा पार्क में देररात तक चला कार्यक्रम, शहर में निकाली गई भव्य शोभायात्रा, घर-घर हुए आयोजन

<p>janmashtami celebration in sidhi madhya pradesh</p>
सीधी। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व सोमवार को जिलेभर में धूमधाम से मनाया गया। भक्त इसके लिए पिछले कई दिन से तैयारी कर रहे थे। इस पर शहर सहित जिलेभर की कृष्ण मंदिरो मे देर रात तक जन्मोत्सव का कार्यक्रम चलता रहा। शहर के गोपालदास मंदिर, पूजा पार्क, राममंदिर, गायत्री मंंदिर, राधाकृष्ण मंदिर सहित अन्य मंदिरों मे श्रीकृष्ण जन्मोत्सव का कार्यक्रम आयोजित किया गया, इसके साथ भक्तों ने अपने घरों में भी डोल सजाकर श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाया, आयोजित कार्यक्रमों में जय कन्हैया लाल की के जयकारों से पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया।
यादव महासभा जिला इकाई सीधी द्वारा श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर शहर के पूजा पार्क मे श्रीकृष्ण जन्मोत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम मे यादव महासभा के बड़ी संख्या मे पदाधिकारी व कार्यकर्ता उपस्थित रहे। यादव महासभा द्वारा इस अवसर पर शहर के पूजा पार्क से बाल गोपाल की झांकी निकाली गई। यह झांकी गांधी चौक, सोनांचल बस स्टैंड, पटेल पुल, सिटी कोतवाली रोड सम्राट चौक होते हुए पूजा पार्क में आकर समाप्त हुई जहां जन्मोत्सव का भव्य आयोजन किया गया।
ब्रह्मकुमारी आश्रम में मनाया गया जन्मोत्सव
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विवि की बहनों ने श्रीकृष्ण जन्माष्टमी में भव्य कृष्णलीला का कार्यक्रम किया। इस दौरान श्रीकृष्ण की भव्य झांकी सजाकर अध्यात्मिक रहस्य बताया। राखी बांधकर संदेश दिया कि विषय विकारों से धरती को मुक्त करना है। कभी अपने जीवन में पवित्रता को कम नहीं करना। बीके रेखा ने इस दौरान सांसद रीति पाठक, कलेक्टर दिलीप कुमार, व एसपी तरुण नायक को भी राखी बांधी। कैदियों को राखी बांधकर अच्छा इंसान बनने की शपथ दिलाई। पुलिसकर्मियों, किसान, श्रमिक व बच्चों को राखी बांधी।
श्रीमद् भागवत कथा में रही जन्मोत्सव की धूम
वैदिक मानव जन जागृति मिशन के तत्वावधान में गायत्री मंदिर में जारी श्रीमद्भागवत कथा में कथा वाचक बांके बिहारी शास्त्री ने वामन भगवान की काथा सुनाई। प्रहलाद चरित्र व श्रीकृष्ण जन्मोत्सव मनाया। कथा में भगवान के चरित्र का चित्रण करते हुए बताया, यदि मनुष्य मर्यादा में रहकर अग्रसर है तो बड़ी से बड़ी कठिनाइयों को पार कर मंजिल तक पहुंच जाता है। महारास व रुकमणी विवाह की कथा सुन श्रोता मंत्रमुग्ध हो गए। जन्माष्टमी पर श्रीकृष्ण जन्मोत्सव का विस्तार से वर्णन किया। वहीं इस दौरान सुंदर झांकियों के माध्यम से श्रीकृष्ण जन्मोत्सव मनाया गया।
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