सिंगरौली

सिस्टम की लाचारी में फंसी गोंड परियोजना, किसानों की उम्मीदों में फिर रहा पानी

सिस्टम की लाचारी में फंसी गोंड परियोजना, किसानों की उम्मीदों में फिर रहा पानी

सिंगरौलीJun 16, 2018 / 01:38 pm

suresh mishra

Gond sichai pariyojna news in singrauli

सिंगरौली। जिले के लिए वरदान के बनकर आई गोंड वृहद सिंचाई परियोजना का काम समय पर शुरू होकर पूरा होने में विलंब की स्थिति है। इस कारण परियोजना के लटकने का अंदेशा है। परियोजना के डूब क्षेत्र में आने वाले गांवों और उनके क्षेत्रफल की स्थिति साफ नहीं हो पाई। इसी प्रकार अब तक परियोजना के लिए अवाप्त होने वाली भूमि के बदले वन विभाग को दूसरी वैकल्पिक भूमि देने का मामला भी सिरे नहीं चढ़ पाया है।
इन दोनों प्रक्रिया को पूरा होने में अभी महीनों खप जाने के हालात दिखाई दे रहे हैं। तब तक विधानसभा चुनाव आ जाएंगे। इस प्रकार चुनाव आते ही आदर्श आचार संहिता बीच में आकर खड़ी होने वाली है। हालात ऐसे संकेत हैं कि गोंड जैसी जिले के लिए अहम परियोजना के निर्माण और अन्य महत्वपूर्ण कार्य विधानसभा चुनाव के बाद ही अपनी सुस्त रफ्तार से निकलकर गति पकड़ पाएंगे, मगर तब तक इसके लिए तय में से काफी समय बीत चुका होगा।
नहीं हो पाया अधिग्रहण
परियोजना ने मंजूरी के साथ ही सिंचाई सुविधा के लाभ के लिए चयनित जिले के हजारों किसान परिवारों को खुशहाली की उम्मीद भी जगाई, लेकिन योजना मंजूरी को लगभग सात माह बीत जाने के बाद भी अब तक मामला आरंभिक स्तर पर ही अटका होने के कारण किसानों की उम्मीद धुंधली पड़ती जा रही है। अब तक योजना के डूब क्षेत्र में आ रहे चिह्नित किए गए गांवों व उनके आसपास रकबे का भौतिक व अंतिम सत्यापन नहीं हो पाया।
भू-अर्जन की प्रकिया शुरू

इसी प्रकार योजना के लिए चिह्नित की गई निजी व शासकीय भूमि के अधिग्रहण की प्रक्रिया भी आरंभिक स्तर पर ही रेंग रही है। जबकि भू-अर्जन की प्रकिया शुरू होने से पूरी होने तक लगभग डेढ़ वर्ष का समय लगता है। इस प्रकार हालत यह है कि अब भी डूब क्षेत्र में आने वाले निजी व शासकीय रकबे का भौतिक सत्यापन तथा वांछित भूमि के अधिग्रहण की कार्रवाई विधिवत शुरू ही नहीं हो पाई।
सीधी-सिंगरौली के लिए महत्वपूर्ण
सिंगरौली व सीधी जिले की करीब 33 हजार हेक्टेयर भूमि को सिंचाई सुविधा मुहैया कराने के लिए शासन के स्तर पर गोंड वृहद सिंचाई परियोजना को बीते वर्ष अक्टूबर माह में मंजूरी दी गई। परियोजना में भूमि अर्जन से लेकर निर्माण कार्यों के लिए 1096 करोड़ रुपए जैसी बड़ी राशि भी मंजूर की गई। परियोजना को पूरा करने के लिए तीन वर्ष की अवधि तय की गई। इस विशाल परियोजना की मंजूरी मिलना और इससे सिंगरौली जिले में सरई तहसील की लगभग 24 हजार हेक्टेयर भूमि को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने का लक्ष्य तय होने से जिले के किसानों को खुशी हुई।

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