सतना

MP के 2000 गांवों में सूखा, किसान बोले-80 फीसदी फसल हो चुकी खराब

पत्रिका रियलिटी चेक: मौसम की बेरुखी, कम बारिश से एक बार फिर जिला सूखे की मार झेल रहा है।

सतनाSep 20, 2017 / 12:57 pm

suresh mishra

Dry in 2000 villages in satna madhya pradesh

सतना। मौसम की बेरुखी, कम बारिश से एक बार फिर जिला सूखे की मार झेल रहा है। जिले की एक-दो तहसील नहीं बल्कि पूरे २००० गांव सूखे की चपेट में हैं। बीते डेढ़ माह से बारिश न होने के कारण दलहन और तिहलन की फसलें बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। पानी की कमी के चलते जहां धान की ८० फीसदी फसल सूख गई, वहीं पौध अच्छी होने के बाद भी सोयाबीन की फसल में दाने नहीं लगे।
किसानों का कहना है, सूखे की मार ने एक बार फिर उन्हें सड़क पर खड़ा कर दिया है। खरीफ की मुख्य फसल सोयाबीन और धान मौसम की भेंट चढ़ गई। ऐसे में अब खरीफ की खेती से किसानों के लिए लागत निकालना मुश्किल है। कृषि विभाग के आंकड़ों पर गौर करें तो खरीफ २०१७ में जिले में ३.६० लाख हेक्टेयर क्षेत्र में बोवनी का लक्ष्य रखा गया था।
3.10 लाख हेक्टेयर में बोवनी

इसके मुकाबले किसानों ने लगभग ३.१० लाख हेक्टेयर में बोवनी की थी। जिले में मानसून की लेटलतीफी के बावजूद सबसे अधिक १.१५ लाख हेक्टेयर में धान की बोवनी की गई थी। जुलाई में हुई अच्छी बारिश से फसल भी अनुकूल थी। लेकिन, अगस्त में मानसून की बेरुखी ने खेती पर संकट खड़ा कर दिया। लगातार तीस दिन तक बारिश न होने से धान की फसल खेत में ही सूख गई। जबकि सोयाबीन और उड़द की फसल में फली नहीं लगी और वह अफलन की भेंट चढ़ गई।
बोया अनाज खेतों में बची सिर्फ घास
बड़खेरा गांव निवासी लक्षमण द्विवेदी का कहना है, उन्होंने छह हजार रुपए क्विंटल सोयाबीन का बीज खरीद कर बोवनी की थी। देखने के लिए फसल अभी भी हरी भरी है। लेकिन, समय पर बारिश न होने के कारण सोयाबीन के फूल मर गए। जो फलियां लगी, उसमें दाने नहीं पड़े। लगभग ८० फीसदी फसल बर्बाद हो चुकी है। खेतों में खड़ी फसल खराब हो गई है। अब वहां पर सिर्फ घास नजर आ रही है। यह स्थिति एक गांव की नहीं, पूरे जिले में एेसे ही हालात हैं।
खेतों में छोड़ दिए पशु
सूखे की मार झेल रहे किसानों ने सूख चुकी फसलों को पशुओं के हवाले कर दिया है। कृषकों का कहना है, धान की फसल पूरी खराब हो गई है। इससे कटाई की लागत भी नहीं मिलने वाली। इसलिए खेतों में पशु छोड़ दिए हैं। उड़द और मूंग की कुछ फसल बची है, जिसकी मिजाई का कार्य चल रहा है। सूखे के बीच जिले में सिर्फ अरहर की फसल ही बची है। इससे किसानों को लागत निकलने की उम्मीद है।
बारिश न होने से फसलों को भारी नुकसान हुआ है। असिंचित रकबे में बोई गई धान की पूरी फसल सूख गई है। सोयाबीन की फसल अच्छी थी, लेकिन अगस्त में बारिश न होने के कारण कई तहसीलों में वह भी अफलन का शिकार हो गई। जिले में अवर्षा के चलते खरीफ फसलों की स्थिति अच्छी नहीं है।
आरएस शर्मा, उप संचालक कृषि
फैक्ट फाइल
– १०३९ मिमी जिले की सामान्य वर्षा
– ६०५ मिमी अब तक कुल वर्षा
– १५५७ मिमी बीते वर्ष हुई थी वर्षा
– ५८ फीसदी हुई कुल बारिश

Home / Satna / MP के 2000 गांवों में सूखा, किसान बोले-80 फीसदी फसल हो चुकी खराब

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.