ईमानदारी
आचार्य चाणक्य के अनुसार रिश्तों में सच्चाई और ईमानदारी का होना बहुत जरूरी है। उनका कहना था कि यही दो चीजें हैं, जो रिश्तों को मजबूत बनाती हैं। झूठ और धोखे के आधार पर बना रिश्ता ज्यादा दिन तक नहीं टिकता। उसका एक दिन अंत हो जाता है।
आचार्य चाणक्य के अनुसार रिश्तों में सच्चाई और ईमानदारी का होना बहुत जरूरी है। उनका कहना था कि यही दो चीजें हैं, जो रिश्तों को मजबूत बनाती हैं। झूठ और धोखे के आधार पर बना रिश्ता ज्यादा दिन तक नहीं टिकता। उसका एक दिन अंत हो जाता है।
अहंकार का करे त्याग
आचार्य चाणक्य के मुताबिक रिश्तों में कभी भी अहंकार को नहीं आने देना चाहिए। इससे आपस में खटास पैदा होती है। अहंकार आपसी लोगों के बीच दरार डाल देती है। इससे रिश्ते खराब होने जाते हैं और आपस में दुश्मनी पैदा हो जाती है।
आचार्य चाणक्य के मुताबिक रिश्तों में कभी भी अहंकार को नहीं आने देना चाहिए। इससे आपस में खटास पैदा होती है। अहंकार आपसी लोगों के बीच दरार डाल देती है। इससे रिश्ते खराब होने जाते हैं और आपस में दुश्मनी पैदा हो जाती है।
बनाये रखें गरिमा
उनके अनुसार व्यक्ति को सदा गरिमापूर्ण आचरण रखना चाहिए। गरिमापूर्ण आचरण रखने वाला इंसान सदा मीठा बोलता है। इस कारण ऐसे लोगों का दूसरे लोगों के साथ संबंध काफी अच्छा होता है। वहीं दूसरी तरफ बुरा बोलने वाले को कोई भी पसंद नहीं करता है।
उनके अनुसार व्यक्ति को सदा गरिमापूर्ण आचरण रखना चाहिए। गरिमापूर्ण आचरण रखने वाला इंसान सदा मीठा बोलता है। इस कारण ऐसे लोगों का दूसरे लोगों के साथ संबंध काफी अच्छा होता है। वहीं दूसरी तरफ बुरा बोलने वाले को कोई भी पसंद नहीं करता है।
विनम्रता
आचार्य चाणक्य का कहना था कि विनम्रता रिश्तों में जान डालने का काम करती है। विनम्र व्यक्ति सदा उदार और मीठी बातें करता है, जो दूसरे लोगों को खूब पसंद आती है। इनकी बातें हृदय प्रिय होती हैं। ऐसे लोग सभी के प्रिय होते हैं। उनके मुताबिक हमें हमेशा विनम्र बाते करनी चाहिए। इससे आपसी रिश्तों में मजबूती आती है।
आचार्य चाणक्य का कहना था कि विनम्रता रिश्तों में जान डालने का काम करती है। विनम्र व्यक्ति सदा उदार और मीठी बातें करता है, जो दूसरे लोगों को खूब पसंद आती है। इनकी बातें हृदय प्रिय होती हैं। ऐसे लोग सभी के प्रिय होते हैं। उनके मुताबिक हमें हमेशा विनम्र बाते करनी चाहिए। इससे आपसी रिश्तों में मजबूती आती है।