ई-मार्केटप्लेस
डीआईपीपी के अधिकारियों का कहना है कि सरकार ई-मार्केटप्लेस का हल निकलाने मेें जुटी है। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के सरकारी निकायों के साथ ही सरकारी कंपनियों को लैपटॉप, एयर कंडीशनर और स्टेशनरी जैसे आइटम और टैक्सी जैसी सर्विसेज इस प्लेटफॉर्म के जरिए हासिल करने पर जोर दिया जा रहा है। सरकार ने इस प्लेटफॉर्म पर वेंडर्स के लिए टर्नओवर लिमिट और अर्नेस्ट मनी जैसे नॉम्र्स में छूट दी है। सरकार की इस नीति से स्टार्टअप्स भी इसके जरिए अपने उत्पादों की बिक्री कर सकेंगे। सख्त प्रावधानों की वजह से अभी स्टार्टअप संचालक ऐसा नहीं कर पा रहे थे। सरकार के इस निर्णय से प्राइस और क्वालिटी को लेकर कंपनियों के बीच प्रतिस्पर्द्धा को बढ़ावा मिलेगा।
डीआईपीपी के अधिकारियों का कहना है कि सरकार ई-मार्केटप्लेस का हल निकलाने मेें जुटी है। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के सरकारी निकायों के साथ ही सरकारी कंपनियों को लैपटॉप, एयर कंडीशनर और स्टेशनरी जैसे आइटम और टैक्सी जैसी सर्विसेज इस प्लेटफॉर्म के जरिए हासिल करने पर जोर दिया जा रहा है। सरकार ने इस प्लेटफॉर्म पर वेंडर्स के लिए टर्नओवर लिमिट और अर्नेस्ट मनी जैसे नॉम्र्स में छूट दी है। सरकार की इस नीति से स्टार्टअप्स भी इसके जरिए अपने उत्पादों की बिक्री कर सकेंगे। सख्त प्रावधानों की वजह से अभी स्टार्टअप संचालक ऐसा नहीं कर पा रहे थे। सरकार के इस निर्णय से प्राइस और क्वालिटी को लेकर कंपनियों के बीच प्रतिस्पर्द्धा को बढ़ावा मिलेगा।
1.5 लाख स्टार्टअप की योजना
इस योजना पर अमल होने पर भारत नवाचार की दुनिया में कई देशों से भी आगे निकल सकता है। डिपार्टमेंट ऑफ इंडस्ट्रियल पॉलिसी एंड प्रमोशन (डीआईपीपी) के सचिव रमेश अभिषेक का कहना है कि सरकार का लक्ष्य देश में कम से कम एक लाख स्टार्टअप्स स्थापित करने की है। ताकि भारत को दुनिया का सबसे विशाल स्टार्टअप बनाना संभव हो सके। इसके पीछे सरकार की योजना न केवल नवीनता और उद्यमिता को बढ़ावा देना है, बल्कि देश को यूथ पावर के रूप में उभारकर सामने लाने की योजना भी है। साथ ही डिजिटलाइजेशन और कैशलेस कारोबार की दिशा में भी लोग आगे बढ़ेंगे और भारत की स्थिति ग्लोबल प्लेटफॉर्म पर पहले से ज्यादा मजबूत होगी।
इस योजना पर अमल होने पर भारत नवाचार की दुनिया में कई देशों से भी आगे निकल सकता है। डिपार्टमेंट ऑफ इंडस्ट्रियल पॉलिसी एंड प्रमोशन (डीआईपीपी) के सचिव रमेश अभिषेक का कहना है कि सरकार का लक्ष्य देश में कम से कम एक लाख स्टार्टअप्स स्थापित करने की है। ताकि भारत को दुनिया का सबसे विशाल स्टार्टअप बनाना संभव हो सके। इसके पीछे सरकार की योजना न केवल नवीनता और उद्यमिता को बढ़ावा देना है, बल्कि देश को यूथ पावर के रूप में उभारकर सामने लाने की योजना भी है। साथ ही डिजिटलाइजेशन और कैशलेस कारोबार की दिशा में भी लोग आगे बढ़ेंगे और भारत की स्थिति ग्लोबल प्लेटफॉर्म पर पहले से ज्यादा मजबूत होगी।