16 somvar vrat benefits सोमवार के व्रत में न करें ये गलतियां, नहीं तो होगा उल्टा असर

सोमवार के व्रत में न करें ये गलतियां, नहीं तो होगा उल्टा असर
 

<p>16 somvar vrat benefits</p>
जबलपुर। परिवार की सुख शांति और समृद्धि के लिए महिलाएं 16 सोमवार का व्रत रखती हैं। नियमानुसार पूजन आदि कर भगवान शिव से कष्टों को हरने की प्रार्थना की जाती है। ज्योतिषाचार्य सचिनदेव महाराज के अनुसार यदि विधि विधान और शास्त्र सम्मत 16 सोमवार का व्रत रखने पर देवाधिदेव महादेव प्रसन्न होकर मनचाहा वरदान देते हैं। 16 सोमवार का व्रत श्रावण, चैत्र, वैसाख, कार्तिक और माघ महीने के शुक्ल पक्ष के पहले सोमवार से शुरू किया जाता है। मान्यता है इस व्रत को लगातार 16 सोमवार तक श्रद्धापूर्वक रखने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। और उसे जीवन में किसी भी कष्ट का सामना नहीं करना पड़ता। ज्योतिषाचार्य बता रहे हैं16 सोमवार व्रत विधि, उसके नियम और उससे मिलने वाले फल के बारे में…
 

16 सोमवार व्रत नियम और विधि –
इस व्रत को करने के लिए आप सुबह नहा धोकर आधा सेर गेहूं का आटा को घी में भून कर गुड़ मिला कर अंगा बना लें।
उसके बाद इस प्रसाद को तीन भागो में बात लें।
उसके बाद दीप, नैवेद्य, पूंगीफ़ल, बेलपत्र, धतूरा, भांग, जनेउ का जोड़ा, चंदन, अक्षत, पुष्प, आदि से प्रदोष काल में भगवान शिव की पूजा अर्चना करें, और अपनी मनोकामना के बारे में कहें।
पूजा करने के बाद कथा करें, आरती करें, उसके बाद एक अंग भगवान् शिव को अर्पण करके उसका भोग लगाएं, और बाकी दो को बात दें, और खुद भी उसे प्रसाद स्वरुप ग्रहण करें।
नियमित 16 सोमवार तक ऐसा ही करें।


16 सोमवार व्रत में ध्यान देने वाली जरुरी बातें-
सोमवार को सूर्योदय से पहले उठ कर पानी में काले तिल डालकर स्नान करना चाहिए।
इस दिन पानी में हल्दी को मिलाकर सूर्यदेव को जरूर अर्पित करना चाहिए।
घर में हैं तो ताम्बे के पात्र में शिवलिंग को रखें, यदि मंदिर में हैं, तो भगवान् शिव का अभिषेक जल या गंगाजल से करें।
यदि कोई विशेष कामना है तो उसकी पूर्ति के लिए दूध, दही, घी, शहद, चने की दाल, सरसों तेल, काले तिल, आदि कई सामग्रियों से अभिषेक की विधि भी आप कर सकते है।
उसके बाद भगवान् शिव की उपासना करें।
और कथा खत्म होने के बाद ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र के द्वारा सफ़ेद फूल, सफेद चंदन, चावल, पंचामृत, सुपारी, फल और गंगाजल या स्वच्छ पानी से भगवान शिव और पार्वती माँ के पूजन को अच्छे से करना चाहिए।

अभिषेक के दौरान या पूजा के समय मंत्रो का जाप करते रहना चाहिए।
शिव पार्वती की उपासना करने के बाद सोलह सोमवार की कथा की शुरुआत करें।
आरती करें और भोग लगाएं, घर में प्रसाद बाटने के बाद खुद भी उसे ग्रहण करें।
प्रसाद में नमक न डालें, और दिन में न सोएं।
और पहले सोमवार को आपने जो समय पूजा के लिए निश्चित किया है उसका पालन करें।
प्रसाद के रूप में आप गंगाजल, तुलसी, चूरमा, खीर और लाडू में से किसी एक चीज को बात सकते है।
16 सोमवार तक एक ही समय बैठकर प्रसाद का सेवन करें, और घूमते फिरते हुए प्रसाद का सेवन न करें।


16 सोमवार का व्रत रखने के फायदे-
सोमवार का व्रत रखने से आपके मन की सभी इच्छाएं पूर्ण होती है, परन्तु तभी जब इसे पूरी श्रद्धा और निष्ठा के साथ रखा जाता है।
इस व्रत को करने से आर्थिक स्थिति को मजबूत होने में मदद मिलती है।
यदि कोई संतान की चाह रखकर पूरी श्रद्धा से किया जाता है, तो उसकी ये मनोकामना भी पूरी होती है।
पारिवारिक शांति या शादीशुदा जीवन में शांति को बनाएं रखने की कामना करके यदि यह व्रत रखा जाएँ तो इसे भी पूरी होने में मदद मिलती है।
समाजिक प्रतिष्ठा पाने के लिए भी आप इस व्रत को पूरी निष्ठा के साथ रख सकते है।
यदि आप किसी बिमारी से परेशान है, और उससे निजात पाना चाहते है, तो भी आप इस व्रत को मन्नत मान कर रख सकते है।

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