आम्रपाली ग्रुप विवाद में आखिर क्यों फंसते जा रहे धोनी और साक्षी ?

बीते मंगलवार को कंपनी का रद्द किया लाइसेंस
SC ने NBCC को दिया अटके प्रोजेक्ट्स पूरे करने का काम

नई दिल्ली। आम्रपाली ग्रुप पर मंडरा रहा संकट कम होने का नाम नहीं ले रहा है। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली ग्रुप के अटके प्रोजेक्ट्स को NBCC को देने की घोषणा की थी। इसके साथ ही कंपनी का रजिस्ट्रेशन भी बीते मंगलवार को रद्द कर दिया था। आम्रपाली ग्रुप ने होमबायर्स के साथ धोखाधड़ी की है, जिसके कारण कोर्ट के द्वारा उसके लाइसेंस को रद्द कर दिया गया है। कंपनी पर लगे आरोपों के बीच फिलहाल इस समय इस मामले में भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी और उनकी पत्नी साक्षी धोनी का नाम भी खूब चर्चा में बना हुआ है।


रिपोर्ट में हुआ खुलासा

रिपोर्ट से मिली जानकारी के अनुसार महेंद्र धोनी की पत्नी साक्षी दोनी आम्रपाली माही डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड (AMDPL) की डायरेक्टर थीं और उनके पास कंपनी के लगभग 25 फीसदी से भी ज्यादा शेयर्स थे। वहीं, कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर अनिल कुमार के पास कंपनी के बकाया 75 फीसदी शेयर्स थे। सरकारी आंकड़ों से मिली जानकारी के अनुसार कंपनी की स्थिति साल 2014 के बाद से खराब होनी शुरू हुई है। कंपनी ने लगभग 42 हजार लोगों के फ्लैट को अटका रखा है।


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होम बायर्स को किया प्रभावित

आपको बता दें कि अप्रैल 2016 तक महेंद्र सिंह धोनी ने कंपनी के ब्रांड एंबेसडर के रुप में काम किया है। ब्रांड एंबेसडर के रुप में काम करते हुए धोनी पर आरोप लगा कि उन्होंने भ्रामक विज्ञापन किए हैं, जिसको लेकर उनके ऊपर खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की थी। इस मामले पर बोलते हुए कैट ने कहा कि धोनी ने आम्रपाली में फ्लैट खरीदने वाले लोगों को काफी प्रभावित किया है।


धोनी ने छोड़ा पद

आपको बता दें कि धोनी के इस विज्ञापन के कारण लोगों ने धोनी पर काफी दबाव बनाया, जिसके बाद धोनी को अपने पद से हटना पड़ा। अब सुप्रीम कोर्ट में पेश हुई एक ऑडिट रिपोर्ट में आरोप लगा है कि क्रिकेटर एमएस धोनी और साक्षी से जुड़ी कंपनियों का इस्तेमाल आम्रपाली ग्रुप ने अपना पैसा निकालने के लिए किया। आरोप यह भी है कि धोनी और उनकी पत्नी की कंपनियों में आम्रपाली समूह के हजारों घर खरीदारों का पैसा ट्रांसफर किया गया। इसके बाद कोर्ट ने कंपनी के प्रबंधन के खिलाफ जांच के आदेश दिये हैं।

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