खुश खबर : एमपी के इस जिले में जल संसाधन विभाग का संभागीय कार्यालय खुलेगा रेलवे बोर्ड ने पिछले माह ही रेल मंडल में इस बात को लेकर रिपोर्ट मांगी है कि कितने आवास रिक्त है व कितने आवास में रेल कर्मचारी रह रहे है। इसके अलावा जिन आवास में अवैध कब्जे है उसकी भी सूची मांगी गई है। इस सूची मांगने के बाद से ही रेल मंडल में हड़कंप है। इसकी वजह यह अवैध कब्जे ही है।
165 वर्ष बाद आ रहा महायोग इस तरह आया सामने मामला हाल ही में रेल आवास आवंटन समिति ने एक इंजन चालक सुखदेव मीणा को आवास नंबर 882 B का आवंटन किया। जब मीणा आवास में गए तो वहां पर करीब दस वर्ष से जीआरपी के एक परिवार को रहते पाया। इस मामले में शिकायत हुई तो यह सामने आया कि पूर्व के अधिकारियों ने ही यह आवंटन किया। इस बात के सामने आने के बाद जब जांच हुई तो पाया गया कि कर्मचारी का तबादला नीमच हो गया, लेकिन परिवार अब भी रह रहा है। अब इस आवंटन को अवैध कब्जा बताया जा रहा है। कुल मिलाकर अब स्थिति यह है कि आरपीएफ व जीआरपी के वे कर्मचाररी जिनके तबादले हो गए वे लंबे समय से आवास खाली नहीं कर रहे है। रतलाम रेल मंडल के जनसंपर्क अधिकारी जेके जयंत के अनुसार तकनीकी कारण से एक ही आवास दो लोग को आवंटन हो गए होंगे। जहां तक अवैध कब्जे की बात है तो इनको हटाया जा रहा है।