रेलवे के 100 क्वाटर में है अवैध कब्जे, हटाने में आ रहा पसीना

एक तरफ रेलवे बोर्ड इस बात को लेकर सख्त है कि रेलवे आवास में अवैध कब्जे किसी भी कीमत पर नहीं होना चाहिए, वही दूसरी तरफ पश्चिम रेलवे के रतलाम रेल मंडल में ही 100 आवास में अवैध कब्जों को हटाने में पसीना आ रहा है।

<p>रेलवे के 100 क्वाटर में है अवैध कब्जे, हटाने में आ रहा पसीना</p>
रतलाम. रेल मंडल मुख्यालय पर ही करीब 100 रेल आवास में अवैध कब्जे है। इन कब्जों को हटाने में आवास समिति को पसीना आ रहा है। हाल ही में समिति ने वरिष्ठ अधिकारियों को रिपोर्ट सौपी है कि एक तरफ नए कर्मचारियों को आवास आवंटन हो रहा है, दूसरी तरफ पूर्व के कब्जे नहीं हटा पा रहे है, इससे विवाद की स्थिति बन रही है। यह सब तब हो रहा है जब रेलवे बोर्ड ने साफ कहा है कि अवैध कब्जों को हर हालात में हटाया जाए।
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रेलवे बोर्ड ने पिछले माह ही रेल मंडल में इस बात को लेकर रिपोर्ट मांगी है कि कितने आवास रिक्त है व कितने आवास में रेल कर्मचारी रह रहे है। इसके अलावा जिन आवास में अवैध कब्जे है उसकी भी सूची मांगी गई है। इस सूची मांगने के बाद से ही रेल मंडल में हड़कंप है। इसकी वजह यह अवैध कब्जे ही है।
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इस तरह आया सामने मामला

हाल ही में रेल आवास आवंटन समिति ने एक इंजन चालक सुखदेव मीणा को आवास नंबर 882 B का आवंटन किया। जब मीणा आवास में गए तो वहां पर करीब दस वर्ष से जीआरपी के एक परिवार को रहते पाया। इस मामले में शिकायत हुई तो यह सामने आया कि पूर्व के अधिकारियों ने ही यह आवंटन किया। इस बात के सामने आने के बाद जब जांच हुई तो पाया गया कि कर्मचारी का तबादला नीमच हो गया, लेकिन परिवार अब भी रह रहा है। अब इस आवंटन को अवैध कब्जा बताया जा रहा है। कुल मिलाकर अब स्थिति यह है कि आरपीएफ व जीआरपी के वे कर्मचाररी जिनके तबादले हो गए वे लंबे समय से आवास खाली नहीं कर रहे है। रतलाम रेल मंडल के जनसंपर्क अधिकारी जेके जयंत के अनुसार तकनीकी कारण से एक ही आवास दो लोग को आवंटन हो गए होंगे। जहां तक अवैध कब्जे की बात है तो इनको हटाया जा रहा है।
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