100 साल बाद Eid की नमाज ईदगाह में नहीं होगी, खास है वजह

ईद उल फितर और ईद उल अजहा की नमाजे ईदगाह में नहीं होगी। यह 100 साल में दूसरी बार हो रहा है। इसकी एक खास वजह है। इन सब के बीच बता दे ईद उज जुहा का पर्व बुधवार को उत्साह के साथ मनेगा।

<p>Muslim society celebrated Eid in the guideline</p>
रतलाम. ईद उल फितर और ईद उल अजहा की नमाजे ईदगाह में नहीं होगी। यह 100 साल में दूसरी बार हो रहा है। इसकी एक खास वजह है। इन सब के बीच बता दे ईद उज जुहा का पर्व बुधवार को उत्साह के साथ मनेगा। ईद उज जुहा का पर्व बुधवार को परंपरागत तरीके से कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए मनाया जाएगा।
चीफ काजी सैयद आसिफ अली ने बताया की ईद ईद ऊज जुहा का पर्व परंपरागत तरीके से मनाया जाएगा। काजी के अनुसार 100 साल बाद ऐसा अवसर दूसरी बार आ रहा है जब ईद उल फितर और ईद उल अजहा की नमाजे ईदगाह में अदा नहीं की जा सकी है। काजी के अनुसार कोरोना के कारण इस वर्ष लगातार दूसरे वर्ष भी ईद की नमाज दोनों ईदगाह पर अदा नहीं की जाएगी। मस्जिदों में कोरोना गाईड लाइन का पालन करते हुए सुबह 9 बजे तक नमाज अदा की जाएगी। कोरोना के चलते ईद पर होने वाले सभी आयोजन और ईद मिलन समारोह निरस्त रहेंगे।
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100 साल में दूसरी बार
चीफ काजी सैयद आसिफ अली ने बताया की यह दूसरी बार ऐसा हो रहा है की ईदगाहों में ईद की नमाज अदा नहीं की जा रही है। इससे पहले लगभग 100 वर्ष पूर्व 1919 – 1920 में भी कालाजर बुखार की महामारी फैली थी जिसके चलते ईद की नमाज ईदगाह में निरस्त रही थी और इस बार भी लगातार दूसरे साल ईद उल फितर और ईद उल अजहा की नमाजे ईदगाह में अदा नहीं की जा सकी है। समाजजन अपने घरों में रहकर ही ईद की बधाई मोबाइल के द्वारा एक दूसरे को देंगे और सामाजिक दूरी बनी बनाए रखेंगे। नमाज के बाद कोरोना के खात्मे के लिए पूरे जिले में और देश में दुआ की जाएगी।
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