कोटा से छात्रों को लेकर रांची रवाना हुई स्पेशल ट्रेन, झारखंड सरकार स्वागत के बाद करेगी क्वारेंटाइन

Jharkhand News: लॉकडाउन में कोटा जंक्शन पर पहली बार टूटा सन्नाटा, छात्रों के लिए चलाई (Student Special Train Departure From Kota To Ranchi) स्पेशल ट्रेन…
 

<p>कोटा से छात्रों को लेकर रांची रवाना हुई स्पेशल ट्रेन, झारखंड सरकार स्वागत के बाद करेगी क्वारेंटाइन</p>

(कोटा,रांची): कोटा में फंसे झारखंड के विद्यार्थियों को घर पहुंचाने के लिए शुक्रवार रात को कोटा से रांची के बीचसिंगल ट्रिप माइग्रेंट स्पेशल ट्रेन चलाई गई। लॉकडाउन में पहली बार पटरी कोटा जंक्शन का सन्नाटा टूटा। यहां कड़ी सुरक्षा के बीच विद्यार्थियों को सोशल डिस्टेंस रखते हुए ट्रेन में बिठाया गया। यह ट्रेन रात 10 बजे कोटा से रवाना हई। यह ट्रेन चलाने की मंजूरी राज्य सरकार की ओर से दिए गए प्रस्ताव को आधार मानकर रेल मंत्रालय ने दी है।


कोटा मंडल के वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक विजय प्रकाश ने बताया कि श्रमिक दिवस पर चल रही इससिंगल ट्रिप माइग्रेंट स्पेशल ट्रेन में जिला कलक्टर से अनुमति प्राप्त विद्यार्थी या उनके अभिभावकों को ही यात्रा की अनुमति दी गई। यह सिंगल ट्रिप माइग्रेंट स्पेशल ट्रेन कोटा जंक्शन से रात्रि 10 बजे रवाना होने के बाद यह वाया गुना, कटनी मुड़वारा, बिलासपुर होते हुए दूसरे दिन शनिवार को रात्रि 7 बजे रांची पहुंचेगी। इस ट्रेन का रास्ते में कहीं भी वाणिज्यिक ठहराव नहीं दिया गया है। इसलिए मार्ग में किसी भी व्यक्ति को इस ट्रेन में चढऩे या उतरने की अनुमति नहीं रहेगी। इस स्पेशल ट्रेन में 2 कोच एसएलआर, 4 कोच द्वितीय सामान्य श्रेणी के तथा 18 कोच शयनयान श्रेणी सहित कुल 24 कोच रहेंगे। इसमें करीब 14 स्टेशनों के 1449 यात्रियों का पंजीकरण किया, लेकिन करीब 1200 विद्यार्थी और उनके अभिभावक ट्रेन में रवाना हुए। वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक विजय प्रकाश ने बताया कि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के प्रयासों से इस ट्रेन का संचालन हो पाया है।


इधर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ट्वीट कर बताया कि बसों से 1300 किलोमीटर से अधिक की यात्रा छात्र-छात्राओं के लिए सुरक्षित नहीं होती, इसलिए राज्य सरकार ट्रेन चलाने पर जोर दे रही थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब ट्रेनों के माध्यम से झारखंड के बच्चे सुरक्षित एवं बिना तकलीफ़ के आसानी से पहुँच सकेंगे। मुख्यमंत्री ने बताया कि पहले राज्य सरकार वापस लौटने वाले सभी कामगारों और बच्चों का स्वागत करेगी और फिर उन्हें क्वारेंटाइन सेंटर में रहने की समुचित व्यवस्था करेगी, वहीं यह स्पष्ट निर्देश मिला है कि कोरोना संदिग्ध मरीजों को घरों में भी रखा जा सकता है, बशर्ते घर वाले आवश्यक एहतियात बरते और सुरक्षा मानकों का पालन करें। उन्होंने कहा कि आने कई बीमारियों में भी यह देखा गया है कि घरों में भी लोग मरीज का समुचित ध्यान रखते है और मरीज जल्द स्वस्थ हो जाता है।

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.