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Rampur 49 साल बाद तय हुआ रामपुर के नवाब की 2651 करोड़ की संपत्ति का मालिक कौन
रामपुर के नवाब की अरबों रुपए कीमत की संपत्ति और कोठी खासबाग के खजाने के लिए लंबे समय से कानूनी विवाद चला आ रहा था। रामपुर के जिला जज ने अरबों की संपत्ति का वारिश करते हुए इसके बंटवारे की प्रस्तावित योजना जारी की है। नवाब रजा अली खां के तीन बेटे और पांच बेटियां थीं। बेटे और बेटियों के बच्चों को संपत्ति का हिस्सेदार बनाया गया है। जानिए किसको कितनी हिस्सेदारी
पूर्व सांसद बेगम नूर बानो को 2.250 प्रतिशत हिस्सा मिलेगा। जबकि, नवाब काजिम अली खान को 7.874 प्रतिशत, समन खां को 3.937 प्रतिशत, सबा दुर्रेज अहमद को 3.937 प्रतिशत, तलत फतमा हसन को 2.025 प्रतिशत, गीजला मारिया अली खान को 5.165 प्रतिशत, नदीम अली खान को 5.165 प्रतिशत, सिराजुल हसन को 4.051 प्रतिशत, ब्रिजिश लका बेगम को 8.999 प्रतिशत, अख्तर लका बेगम को 8.999 प्रतिशत नाहिद लका बेगम को 8.999 प्रतिशत कमर लका बेगम को 8.999 प्रतिशत, मुहम्मद अली खान को 8.101 प्रतिशत और निगहत बी को 4.051 प्रतिशत संपत्ति मिलेगी।
पूर्व सांसद बेगम नूर बानो को 2.250 प्रतिशत हिस्सा मिलेगा। जबकि, नवाब काजिम अली खान को 7.874 प्रतिशत, समन खां को 3.937 प्रतिशत, सबा दुर्रेज अहमद को 3.937 प्रतिशत, तलत फतमा हसन को 2.025 प्रतिशत, गीजला मारिया अली खान को 5.165 प्रतिशत, नदीम अली खान को 5.165 प्रतिशत, सिराजुल हसन को 4.051 प्रतिशत, ब्रिजिश लका बेगम को 8.999 प्रतिशत, अख्तर लका बेगम को 8.999 प्रतिशत नाहिद लका बेगम को 8.999 प्रतिशत कमर लका बेगम को 8.999 प्रतिशत, मुहम्मद अली खान को 8.101 प्रतिशत और निगहत बी को 4.051 प्रतिशत संपत्ति मिलेगी।
शरीयत के हिसाब से तय हुई है हिस्सेदारी
नवाब काजिम अली खान के वकील संदीप सक्सेना के अनुसार संपत्ति का बंटवारा राज परंपरा के हिसाब से नहीं बल्कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद शरीयत के हिसाब से होगा।
नवाब काजिम अली खान के वकील संदीप सक्सेना के अनुसार संपत्ति का बंटवारा राज परंपरा के हिसाब से नहीं बल्कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद शरीयत के हिसाब से होगा।
जानिए कौन थे नवाब रजा अली खां
नवाब रजा अली खां रामपुर की रियासत के आखिरी नवाब थे। 1947 में बंटवारे के बाद रामपुर भारत का हिस्सा रहा और 1950 में यूपी के गठन के बाद इसमें शामिल हो गया। रजा अली खां की मौत 1966 में 57 साल की उम्र में हुई उन्हें अपने पिता की तरह इराक के कर्बला में दफनाया गया था। उसके बाद उनकी संपत्ति के हकदार उनके बड़े बेटे मुर्तजा अली खान बने। 1972 के बाद संपत्ति विवाद शुरू हुआ और मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया।
नवाब रजा अली खां रामपुर की रियासत के आखिरी नवाब थे। 1947 में बंटवारे के बाद रामपुर भारत का हिस्सा रहा और 1950 में यूपी के गठन के बाद इसमें शामिल हो गया। रजा अली खां की मौत 1966 में 57 साल की उम्र में हुई उन्हें अपने पिता की तरह इराक के कर्बला में दफनाया गया था। उसके बाद उनकी संपत्ति के हकदार उनके बड़े बेटे मुर्तजा अली खान बने। 1972 के बाद संपत्ति विवाद शुरू हुआ और मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया।
जानिए अरबों की संपत्ति में है क्या-क्या
नवाब के पास हथियारों, हीरे-जवाहरात के अलावा इंपोर्टेड कारों का काफिला भी था। कोठी के स्ट्रॉन्गरूम में 60 किलो सोना, हीरे के ताज, सोने-चांदी के बर्तन, सोने के अलम और कई बेशकीमती धरोहरें होने का दावा किया गया। नवाब खानदान के पास 1073 एकड़ जमीन भी है।
नवाब के पास हथियारों, हीरे-जवाहरात के अलावा इंपोर्टेड कारों का काफिला भी था। कोठी के स्ट्रॉन्गरूम में 60 किलो सोना, हीरे के ताज, सोने-चांदी के बर्तन, सोने के अलम और कई बेशकीमती धरोहरें होने का दावा किया गया। नवाब खानदान के पास 1073 एकड़ जमीन भी है।
देश की सबसे बड़ी चोरी का राज कोठी में दफन
बंटवारे की प्रक्रिया शुरू होते ही इस कोठी में हुई देश की सबसे बड़ी चोरी की घटना एक बार फिर ताजी हो गई है। खरबों रुपये के सोने, चांदी और हीरे की इस चोरी के पीछे के कई राज आज भी दफ्न हैं।
बंटवारे की प्रक्रिया शुरू होते ही इस कोठी में हुई देश की सबसे बड़ी चोरी की घटना एक बार फिर ताजी हो गई है। खरबों रुपये के सोने, चांदी और हीरे की इस चोरी के पीछे के कई राज आज भी दफ्न हैं।