पढ़ी-लिखी ‘छोरी’ ने एक वर्ष में बदल दी गांव की सूरत, अब प्रधानी के चुनाव में आजमाएगी अपनी किस्मत

Highlights:
-एक वर्ष के कार्यकाल में किए दर्जनों विकास कार्य
-राजनीति में करियर बनाना चाहती हैं पिंकी
-प्रधानी के उपचुनाव में जीत की थी हासिल

पत्रिका न्यूज नेटवर्क
रामपुर। डबल एम.ए, बीएड पास एक लड़की ने इस बार के पंचायत चुनाव में अपनी साख दाव पर लगा दी है। चुनाव की तैयारी को लेकर ये लड़की स्कूटी पर सवार होकर कभी ब्लाक जाती है तो कभी मुख्यालय के चुनाव कार्यालय। इतना ही नहीं, देर रात तक गांव की गालियों से गुजरती हुई लोगों के घरों में पहुंचती है और उनसे वोट देने की अपील करती है। दरअसल, तहसील टांडा के गांव सेंटाखेड़ा पंचायात की रहने वाली पिंकी गौतम एक वर्ष की प्रधान रह चुकी हैं। जो इस वर्ष पूरी तरह से मैदान में उतरी है और एक वर्ष के कार्यकाल में कराए गए दर्जनों विकास कार्यों को अपनी जीत का मंत्र मानते हुए प्रधानी चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है।
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बता दें कि पिंकी के माता पिता किसान हैं और वह घर में सबसे बड़ी हैं। पिंकी की 3 बहनें और एक भाई है, जो अभी पढ़ रहे हैं। उनकी शिक्षा पूरी हो गई और अब वह राजनीति में अपना करियर बनाना चाहती हैं। प्रधानी पद के लिए उन्होंने इस बार नामांकन भरा है। पिंकी का कहना है मेरे साथ जनसमर्थन है और देश के प्रधानमंत्री जिस तरह मन की बात करते हैं, उसी तर्ज पर मैं भी युवाओं की बात सुनूंगी और उनकी बात को सुनकर उन्हें आगे बढ़ाने के लिए दिन रात मेहनत करूंगी। गाँव के हर तबके का ख्याल रखकर मैं गाँव को आगे बढ़ाने के लिए दिन रात काम करूंगी।
उन्होंने कहा कि 70 वर्षों में जो विकास कार्य मेरे यहां गांव में नहीं हुए, उन्हें मैंने पूरा कराया है। हर अधिकारी के यहां जाना, सरकार की योजनाओं को समझना, कैसे काम करना है, ये सब एक शिक्षित युवा बेहतर कर सकता है, जैसे मैंने करके दिखाया है। गांव के विकास को आगे कैसे बढ़ाना है, कौन से अफसर से कब मिलना है, योजनाओं का लाभ गांव के लोगों को कैसे दिलाना है, मुझे एक वर्ष में काफी अनुभव हुआ। आगे अगर मौका मिला तो फिर से गाँव को और बेहतर बनाने का काम करूंगी।
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इस तरह बनीं एक वर्ष की प्रधान

गौरतलब है कि बीते ग्राम पंचायत चुनाव में गांव की ही एक महिला यशोदा ने अपने फर्जी दस्तावेज तैयार करा कर चुनाव लड़ा और जीत भी गई। गांव में जब उसकी शिकायतें हुईं तब उसे तत्कालीन डीएम ने प्रधानी पद से हटा दिया। बाद में उप चुनाव हुआ तो उसमें युवा समिति में काम करने वाली पिंकी गौतम ने हिस्सा लिया। जिसमें वह चुनाव जीत गई। एक साल के कार्यकाल में पिंकी ने दर्जनों ऐसे काम किये हैं, जिनके नाम पर अब पिंकी ने अपनी साख दाव पर लगा दी है और इस वर्ष फिर से प्रधानी के चुनावी मैदान में कूद गई है।
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