Aadhaar Card बनवाना व सुधार कराना हुआ मुश्किल, रात को बिस्तर छोड़ बैंक की लाइन में लग रहे लोग

Highlights
-सरकार ने ज्यादातर कामों में आधार किया अनिवार्य
-लोग रात से ही आकर लग जाते हैं लाइन में

रामपुर। नया आधार कार्ड बनबाने या पुराने बने आधार कार्ड में संसोधन कराने के लिए जो व्यवस्था एनआईसी द्वारा की गई है वो फिलहाल पर्याप्त नजर नही आ रही है। यही कारण है कि लोगों को खासी समस्या का सामना करना पड़ रहा है। यही नहीं, लोगों को आधार कार्ड के लिए लंबी लंबी कतारों में लगना पड़ रहा है। बात रामपुर जिले की करें तो यहां रहने वाले लोग चाहें कस्बा, तहसीलों व नगर में रहते वाले हों, अगर उनका आधार कार्ड नहीं बना है या उसमें कुछ संसोधन उन्हें कराना है तो वह सब परेशान हैं।
वहीं कोरोना काल में आधार कार्ड के लिए लोग सोशल डिस्टेंश तक का भी कोई ध्यान नहीं रख रहे और न ही सोशल डिस्टेंश का पालन प्रशासन करा पा रहा है। ऐसी स्थिति में कोरोना महामारी बढ़ी तो इसका असल ज़िम्मेदार कौन होगा, फिलहाल इस बात की चिंता अभी किसी को नहीं है।
पत्रिका की ग्राउंड रिपोर्ट में पासा गया कि जिले के तमाम युवा-युवती आधी रात से ही अपनी नींद व बिस्तर छोड़कर गाँव से शहर आतें हैं और बैंक के बाहर लाइन में लग जाते हैं। जिनका नम्बर आ जाता है उनका आधार बन जाता है बाकी अगले दिन सुबह आने की होड़ में तीन बजे औऱ चार बजे बैंकों के बाहर आकर खड़े हो जाते हैं। इस क्रम में सुबह अर्ली मॉर्निंग कई दर्जनो युवा युवती व महिलाएं सुबह 2 बजे घर से निकलकर पंजाब नेशनल बैंक की मुख्य शाखा गेट पर पहुंचे। उनका कहना है कि वे लोग इसलिए सुबह सुबह आये हैं कि जब बैंक खुलेगा तो उनका नाम पहले लिख लिया जाएगा और उनका आधार कार्ड बन जायेगा।
कई युवाओं ने बातचीत की कई तो उन्होंने बताया कि एक बैंक में केवल पांच महिलाओं और पांच पुरुषों को ही एक बार में अंदर बुलाया जाता है। उसके बाद सभी को बाहर कर दिया जाता है। पहले नम्बर आ जाये इसके लिए लोग रात को ही घर से निकलकर यहां सुबह सुबह पहुंच जाते हैं। लोगों का कहना था कि वह कई दिनों से चक्कर लगा रहें हैं। फिलहाल कोई कामयाबी नहीं मिल पा रही है। एक महिला मुरादाबाद जिले के गाँव की रहने वाली लाइन में खड़ी थी। उसने बताया कि वह सुबह 2 बजे उठी और तीन बजे में रामपुर आ गई। अब सुबह 10 बजे तक यहाँ बैठना होगा। उसके बाद पता नही मेरा नम्बर आएगा या नहीं।
आधार के चक्कर में भूले कोरोना का डर

अगर हम दिन पहले की बात करें तो प्रथमा बैंक अजीतपुर के बाहर सैकड़ों की तादात में युवा युवती सुबह-सुबह घर से आए और बैंक के सामने खड़े हो गए। वहां पर किसी ने भी कोई सोशल डिस्टेंस का ध्यान नहीं रखा। कुछ लोगों के मुंह पर मास्क लगे थे लेकिन दूरी नहीं थी। लेकिन ज्यादातर लोगों के मुंह पर न मास्क था और ना ही कोई सोशल डिस्टेंस का पालन कर रहा था। हद यहां तक कि स्थानीय पुलिस ने भी वहां पर जाकर सोशल डिस्टेंस रखने के लिए कोई कवायद नहीं की और ना ही बैंक प्रशासन ने ऐसी कोई व्यवस्था की थी।
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