जागा प्रशासन, विक्षिप्त महिला निकली सात माह की गर्भवती, दुष्कर्म की आशंका

पुलिस, प्रशासन व महिला अधिकारिता महकमे की खुली पोल

<p>जागा प्रशासन, विक्षिप्त महिला निकली सात माह की गर्भवती, दुष्कर्म की आशंका</p>
राजसमंद. कुन्दवा (देवगढ़) क्षेत्र में कई दिनों से घूम रही विक्षिप्त महिला को मंगलवार दोपहर आखिर महिला अधिकारिता विभाग की टीम ने आरके जिला चिकित्सालय पहुंचा कर भर्ती करवा दिया। स्वास्थ्य जांच में विक्षिप्त महिला करीब सात माह की गर्भवती है, जिससे उसके दुष्कर्म का शिकार होने की आशंका जताई जा रही है। महिला के हाथ पर कमला नाम अंकित है, जबकि वह पूछताछ में गीता बता रही है। हालांकि उसकी पहचान नहीं हो पाई है।
राजस्थान पत्रिका के 10 सितम्बर के अंक में ‘महिला मुख्यमंत्री का प्रशासन नहीं ले रहा विक्षिप्त महिला की सुध…’ शीर्षक से खबर प्रकाशित कर कुन्दवा क्षेत्र में भटक ही विक्षिप्त महिला, उसकी सुरक्षा का खुलासा किया। महिला एवं बाल विकास विभाग के उप निदेशक एमएल चौहान के निर्देश पर प्रचेता पुष्पा पालीवाल ने स्वास्थ्य कार्यकर्ता, सहायिका व आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को क्षेत्र में दर दर भटक ही विक्षिप्त महिला के बारे में नहीं बताने पर सख्त निर्देश दिए। कार्यकर्ताओं ने कुन्दवा में विक्षिप्त महिला को तलाशा और 108 एम्बुलेंस से लेकर आरके जिला चिकित्सालय पहुंचे, जहां वन स्टॉप सेन्टर के परामर्शकों से संपर्क किया। विक्षिप्त महिला की मनो चिकित्सक के अलावा सामान्य चिकित्सक से भी जांच व उपचार कराया गया। सामान्य सभी तरह की जांचें कराई गई, जिसमें प्रथम दृष्ट छह से सात माह की गर्भवती पाई गई है। मानसिक रूप से विक्षिप्त है, जो ठीक से बोल नहीं पा ही है और न ही वह खुद का नाम, पता बता रही है।
अफसर-कार्मिक करते रहे टालमटोल
दर दर भटक रही विक्षिप्त महिला के बारे में देवगढ़ थाना पुलिस, देवगढ़ तहसीलदार, वन स्टॉप सेंटर आरके जिला अस्पताल राजसमंद तथा महिला एवं बाल विकास विभाग तक को अवगत करा दिया। फिर भी सभी कार्मिक व अफसर टालमटोल करते रहे। सवाल उठ रहे है कि कई दिनों से महिला भटक रही थी, तो कुन्दवा के सरपंच, ग्रामसेवक, पटवारी, शिक्षक, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं ने सुध क्यों नहीं ली। इससे प्रशासन की भूमिका ही कठघरे में आ गई।
अस्पताल में रखने का किया प्रबंध
वन स्टॉप सेंटर प्रभारी राखी पालीवाल ने बताया कि विक्षिप्त महिला को राजसमंद में रखने व उसकी देखरेख की व्यवस्था की गई। परामर्श किया जा रहा है, जिससे उसकी पहचान के प्रयास किए जा रहे हैं। अगर पहचान नहीं हो पाई, तो बुधवार को उसे उदयपुर नारी निकेतन रेफर करने की कार्रवाई की जाएगी।
जांच में सात माह की गर्भवती
विक्षिप्त महिला की जिला अस्पताल में जांच कराई, जिसमें सात माह की गर्भवती पाई गई। वन स्टॉप सेंटर को सुपूर्द किया, जहां रात्रि विश्राम, सुरक्षा के साथ अन्य प्रबंध किए गए हैं।
पुष्पा पालीवाल, प्रचेता महिला अधिकारिता विभाग देवगढ़
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