राजसमंद जिला मुख्यालय व नाथद्वारा में शनिवार सवेरे 11 बजे से लाॅकडाउन

– कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण के प्रयास तेज- नगरपरिषद क्षेत्र राजसमंद व नगरपालिका क्षेत्र नाथद्वारा क्षेत्र रहेगा दायरे में

<p>राजसमंद जिला मुख्यालय व नाथद्वारा में शनिवार सवेरे 11 बजे से लाॅकडाउन</p>
राजसमन्द. जिले में कोरोना संक्रमण के कारण जिला मजिस्ट्रेट अरविंद कुमार पोसवाल ने एक आदेश जारी कर नगरपरिषद क्षेत्र राजसमंद एवं नगरपालिका क्षेत्र नाथद्वारा में शनिवार 15 अगस्त को प्रात: 11 बजे से संपूर्ण लॉकडाउन घोषित किया है। आदेशों के अनुसार शनिवार को प्रात: 11 बजे से इन क्षेत्रों में लॉकडाउन के दौरान धारा 144 के सभी प्रतिबन्धात्मक आदेश लागू रहेंगे।
लॉकडाउन के दौरान कंटेनमेंट जोन में भारत सरकार के गृह मंत्रालय एवं स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी की गई गाइडलाइंस में वर्णित प्रोटोकॉल की सख्ती से अनुपालना की जाएगी। आदेशों के अनुसार केवल चिकित्सा एवं आपात स्थिति और आवश्यक वस्तुओं तथा सेवाओं की आपूर्ति बनाए रखने के लिए गतिविधियों की अनुमति रहेगी। कंटेंटमेंट जोन में किसी भी प्रकार की छूट की अनुमति नहीं होगी। आदेशों के अनुसार लॉकडाउन के दौरान चिकित्सालय एवं मेडिकल खुले रहेंगे तथा राशन, दूध, फल-सब्जी, पशुओं के लिए घास व अन्य आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई के लिए संबंधित उपखंड मजिस्ट्रेट के आदेश जारी करेंगे।

जिला कलक्टर ने किया माटा मोहल्ला में निरीक्षण
जिला कलेक्टर अरविंद कुमार पोसवाल ने शुक्रवार शाम माटा मोहल्ले में कुछ लोगों के कोरोना पॉजिटिव आने पर निरीक्षण किया एवं साथ ही संबंधित अधिकारियों को प्रभावी दिशा निर्देश दिए। इस दौरान अन्य अधिकारी भी साथ थे।

लॉकडाउन की सूचना से बाजार में उमड़े लोग
कोरोना संक्रमण को देखते हुए लॉकडाउन की सूचना मिलते ही जिला मुख्यालय पर दुकानों पर भीड़ उमड़ पड़ी। लोग राशन व सब्जी खरीदने घरों से निकल पड़े। सबसे ज्यादा भीड़ सब्जी मंडी व किराणा की दुकानों पर देखने को मिली।

कांकरोली व राजनगर स्थित किराणा, सब्जी की दुकानों के साथ ही पान व शराब की दुकानों पर भी भीड़ दिखाई दी। कुछ लोगों ने कहना था कि जिले में पिछले कुछ दिनों से हालात काफी खराब हो रहे हैं। जिला मुख्यालय पर भी कुछ मोहल्लों में लगातार संक्रमित मिल रहे हैं। ऐसे में जिला प्रशासन का ये फैसला सही भी है, ताकि संक्रमण पर नियंत्रण किया जा सके। कुछ ने कहा कि बड़ी मुश्किल से जिन्दगी सामान्य होने लगी थी, एक बार फिर इस कोरोना ने झकझोर दिया है। ऐसे में इस तरह की सख्ती जरूरी भी है।

दूसरी ओर दुकानदारों ने मायूसी जाहिर की। दुकानदारों का मानना था कि उनकी जिन्दगी ढर्रे पर आ रही थी, लेकिन इस लॉकडाउन ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। हालांकि उनका ये भी मानना था कि जिस तरीके से कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ रही थी और प्रतिदिन बीस-तीस लोग संक्रमित हो रहे थे, ऐसे में प्रशासन को कुछ तो फैसला लेना ही था।
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