अब इंटरनेट बैंकिंग से ठगी… बिना ओटीपी जाने शिक्षक के साढ़े चार लाख उड़ाए

बैंकिंग फ्रॉड, ऑनलाइन धोखाधड़ी बढ़ी अब नई तकनीकि से ठगी : स्क्रीन कैप्चरिंग एप से काट लिए जाती है राशि, अज्ञात एप्स को लोड न करें

<p>अब इंटरनेट बैंकिंग से ठगी&#8230; बिना ओटीपी जाने शिक्षक के साढ़े चार लाख उड़ाए</p>
ब्यावरा.फोन कॉल्स से ओटीपी (OTP) लेकर या विभिन्न तरह से बातों में उलझाकर, एटीएम के क्लोन बनाकर ऑनलाइन ठगी (online fraud) के बाद अब नई तरह की ठगी शुरू हुई है। इसमें एंड्राइड मोबाइल में लोड हो जाने वाली अज्ञात एप्स के द्वारा धोखाधड़ी की जा रही है। इसमें जब हम किसी एप को लोड करने की अनुमति (अलॉउ) कर देते हैं तो हमारा सारा डाटा एप्स जान लेता है, इसी से संबंधित हेकर ठगी कर लेत है। नये प्रकार का स्क्रीन कैप्चरिंग एप्स अब मार्केट में आया है जो कई एप्स के साथ स्वत: ही लोड हो जाते हैं, इनसे बचने की जरूरत है। इन एप्स के लोड हो जाने के बाद संबंधित व्यक्ति इंटरनेट बैंकिंग (internet baking) के माध्यम से ठगी कर लेते हैं, जिसमें यूजर आईडी, पासवर्ड की भी जरूरत नहीं पड़ती। ऐसे ही एक मामले की शिकायत ब्यावरा एसबीआई में सामने आई है।
मामला एक- एक कॉल पर गायब हुए शिक्षक के 4.40 लाख रु.
दिवलखेड़ा स्कूल में पदस्थ शिक्षक बाबूलाल पिता मदनलाल मालवीय निवासी दुल्तारिया (ब्यावरा) के साथ यह धोखाधड़ी हुई। उनके पास एक फोन आया जिसने कहा कि आपके खाते से २.४० लाख रुपए निकल चुके हैं, किसने निकाले? मैंने कॉल को हल्के में लेकर काट दिया, उसका फोन दो से तीन बार आया। फिर मैंने एसबीआई के योनो एप पर बैलेंस जांच तो 2.40 लाख एक बार में कटे और दूसरी बार में 2 लाख कट गए। खाते में महज ७५ रुपए शेष बचे। शिक्षक मालवीय ने बताया कि हाल ही में मैंने सात लाख रुपए का पर्सनल लोन ब्यावरा एसबीआई से लिया था। इसमें से तीन लाख बेटी की शादी के लिए निकाल लिए थे, चार लाख शेष थे। कुछ ही देर में उक्त ठग ने राशि एक कॉल पर निकाल ली। उन्होंने मामले की शिकायत पचोर थाने और बैंक (bank) में की है।
मामला दो- रिटायर्ड डॉक्टर से 18 नहीं 94 लाख ठगे
दूसरे अन्य मामले में कुछ दिन पहले सामने आई ठगी की जांच सिटी पुलिस करने में जुटी है। सिविल अस्पताल के रिटायर्ड मेडिकल ऑफिसर के खाते में 18 लाख रुपए की ठगी आईपीओ के माध्यम से की गई थी। लेकिन आंकड़ा हकीकत में 94 लाख से अधिक का है। हाल ही में उनके रिटायर्मेंट पर पेंशन सहित अन्य सेविंग रखी हुई थी। फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुटी है। एसपी प्रदीप शर्मा के नेतृत्व में टीम लगी हुई है। हालांकि अभी कोई सफलता हाथ नहीं लगी है। पुलिस हर स्तर से जांच कर रही है। उक्त मामले में आरटीजीएस के माध्यम से उक्त राशि जमा की गई थी। बाद में सभी फोन बंद हो गए, साफ तौर पर धोखाधड़ी सामने आई।
किसी एप्स को अलॉउ न करें
अज्ञात कॉल, अज्ञात मेल और एप्स से भी बचें। ओटीपी, पिन नंबर इत्यादि किसी से शेयर न करें। कोई भी बैंक कभी किसी उपभोक्ता से निजी जानकारी नहीं लेती। अब इंटरनेट बैंकिंग के माध्यम से ठगी होने लगी है, जिसमें स्क्रीन कैप्चरिंग एप से ठगी हो रही है। इससे बचने के लिए किसी भी नई एप को अलॉव न करें। अलर्ट रहकर इस तरह की ठगी से बचने की जरूरत है।
-अंकिता बंसल, ब्रांच मैनेजर, एसबीआई, ब्यावरा
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