जबकि डॉक्टरों का कहना है कि यह तरीका जानलेवा सबित हो सकता है। राजगढ़ जिला अस्पताल में 8 दिन में 6 बच्चे ऐसे आए हैं, जिनके शरीर पर दागने के निशान हैं। चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉ. गुजन त्रिपाठी का कहना है कि इससे सेप्टीसीमिया, टिटनेस आदि की समस्या बढ़ सकती है।
मध्यप्रदेश के तमाम जिलों में डेंगू व अन्य बीमारियों का विस्तार न हो पाए, इसके प्रयास जारी हैं। कोरोना से पीड़ित लोगों में ब्लैक फंगस की बीमारी देखने को मिली थी लेकिन जबलपुर में डेंगू से पीड़ित युवक में ब्लैक फंगस संक्रमण दिखाई दे रहा है। यह मामला मध्यप्रदेश का पहला केस माना जा रहा है।
जहां पीड़ित की दोनों आंखें इस रोग से प्रभावित हुई हैं. मरीज की प्लेटलेट्स तो नॉर्मल हो गई हैं, लेकिन उसकी आंख के निचले हिस्से में मवाद भर गया है, जिसे दूरबीन विधि से ऑपरेशन कर निकाला जाएगा. डेंगू के बाद ब्लैक फंगस होने के इस केस को लेकर डॉक्टर भी हैरान हैं।