राजगढ़

10 मीटर गहरे पानी में बन रहा एक किमी लंबा रेलवे ब्रिज, पटरी सिंगल डलेगी लेकिन दोहरे ट्रेक के हिसाब से लगेंगे 27 पिलर

-मक्सी-रुठियाई रेलवे लाइन, दूधी नदी पर बन रहा पुल-जून तक ब्रिज बनेगा लेकिन ट्रेन अगले साल ही दौड़ पाएगी, मोहनपुरा को इस बार भी रखना होगा खाली

राजगढ़Jan 08, 2020 / 06:29 pm

Rajesh Kumar Vishwakarma

10 मीटर गहरे पानी में बन रहा एक किमी लंबा रेलवे ब्रिज, पटरी सिंगल डलेगी लेकिन दोहरे ट्रेक के हिसाब से लगेंगे 27 पिलर

ब्यावरा. मक्सी-रुठियाई रेलवे ट्रेक के प्रमुख दूधी पुल का काम इन दिनों किया जा रहा है। पुराने ब्रिज की ऊंचाई कम होने के कारण मोहनपुरा डेम पूरा नहीं भर पा रहे थे। इसी कारण अब करीब 95 करोड़ की लागत से यह ब्रिज बनाया जा रहा है।
जिसका काम करीब 10 मीटर (लगभग 30 फीट) गहरे पानी में दिन-रात चल रहा है। करीब एक किमी (900 मीटर) लंबे ब्रिज के लिए मौजूदा पुल से सात-आठ किमी तक रूट डायवर्ट करना होगा। खास बात यह है कि इस ब्रिज पर पटरी भले ही सिंगल लाइन की डलेगी लेकिन डबल लाइन के हिसाब से पिलर खड़े किए जाएंगे।
दरअसल, दूधी नदी पर 900 मीटर लंबा 27 पिलर वाला ब्रिज बनेगा। जिसके प्रत्येक पिलर के बीच की दूरी 32.60 मीटर रहेगी। रेल्वे ने एक एजेंसी को इसका काम सौंपा है। पानी भराव वाले हिस्से की पूरी जमीन रेल्वे को मिल चुकी है लेकिन बचे हुए कुछ क्षेत्रों में जमीन मिलना बाकी है।
हालांकि माना जा रहा है कि जल्द ही बची हुई कुछ जमीन भी अलॉट हो जाएगी। माना जा रहा है कि बारिश से पहले तक पिलर खड़े हो जाएंगे लेकिन इस पर ट्रेन अगले साल ही दौड़ पाएगी। फिलहाल ब्रिज निर्माण के लिए कम किए गए वॉटर लेवल को जरूर बारिश तक बढ़ा दिया जाएगा।
ग्राउंड लेवल से 20 मीटर गहराई तक करते हैं खुदाई
ब्रिज का काम देख रहे रेल्वे के इंजीनियर्स ने बताया कि अंडर वॉटर कंस्ट्रक्शन की यह पद्धति पायलिंग कहलाती है। इसके लिए सीसीकरण अंडर वॉटर किया जाता है। ट्यूबवेल के माध्यम से पहले ग्राउंड लेवल से करीब 20 मीटर गहराई तक गड्ढा किया जाता है। अंडर वॉटर ही यह पूरी प्रक्रिया होती है। इसके बाद अंडर वॉटर ही उसमें पाइप डालकर गहराई आंकी जाती है। इसी आधार पर फिर पिलर खड़े किए जाते हैं।
…तो पूरा भर पाएगा मोहनपुरा डेम
डेम बनने के बाद दो साल से मोहनपुरा डेम को सिर्फ इसलिए नहीं भर पाया क्योंकि मौजूदा पुल की ऊंचाई काफी कम है। कम ऊंचाई के कारण बारिश के दौरान उसमें ओव्हर पानी भर जाता है और रेल आवागमन बाधित होता है। इसी कारण मजबूरी वश डेम के गेट खोलना पड़ते हैं। दो साल से 39८ मीटर क्षमता वाले मोहनपुरा डेम को आठ मीटर कम 290 ही भरा जाता रहा है। इसी कारण जरूरत से ज्यादा पानी गेट खोलकर निकालना पड़ा, इससे नेवज नदी का राजगढ़ स्थित छोटा पुल कई दिनों तक डूबा रहा।
railway bridge
ब्रिज से मिलेगी दोहरी सौगात, दोहरीकरण के हिसाब से होगा ट्रेक
भोपाल मंडल के इंजीनियर्स ने पत्रिका को बताया कि दूधी ब्रिज के बन जाने से मक्सी-रुठियाई ट्रेक को दोहरी सौगात मिलेगी। इसमें पटरी जरूर सिंगल बिछेगी लेकिन दोहरीकरण के हिसाब से ट्रेक होगा। जिस पर पिलर तो खड़े हो जाएंगे लेकिन उस पर ट्रेक दोहरीकरण के हिसाब से होगा। निकट भविष्य में जब ट्रेक का दोहरीकरण के हिसाब से इलेक्ट्रिफिकेशन होगा तो यह ब्रिज उसमें काम आएगा।

फैक्ट-फाइल
– 95 करोड़ रुपए है ब्रिज की लागत।
– 10 मीटर गहरे पानी में हो रहा काम।
– 27 पिलर पानी में डाले जाएंगे।
– 01 किमी लंब रहेगा ब्रिज।
– 08 किमी का डायवर्शन होगा।
– 07 मीटर ऊंचा रहेगा नया ब्रिज।
– 20 मीटर गहरे जमीन सतह से गाड़े जा रहे पिलर।
(नोट : रेलवे के भोपाल मंडल से प्राप्त जानकारी के अनुसार)
तय समय में पूरा होगा काम
इलेक्ट्रिफिकेशन के साथ ही रेल्ले के दूधी ब्रिज का काम भी जारी है। इसे दोहरीकरण के हिसाब से डिजाइन किया गया है। जब भविष्य में इसका सेंक्शन होगा तो इसी पर इलेक्ट्रिफिकेशन और दोहरीकरण साथ हो जाएगा। ब्रिज 2020 में हम पूरा कर लेगें ताकि बांध में पानी पर्याप्त भरा जा सके।
– उदय बोरवाणकर, डीआरएम, भोपाल रेल मंडल

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