5700 तक बिकी अच्छी सोयाबीन, गीली-दागी का भाव 2700 रुपए

तीन दिन बाद खुली अनाज मंडी में फिर चार दिन की हुई छुट्टी

राजगढ़. पीले सोने (सोयाबीन) को लेकर लगाई जा रही कायसबाजी फीकी साबित हो रही है। छह से सात हजार रुपए क्विंटल के बीच के भाव की उम्मीद थी जो कि अब पांच से साढ़े पांच हजार तक सिमट गई।

दरअसल, ब्यावरा में शनिवार को लगातार तीन दिन के अवकाश के बाद खुली कृषि मंडी में ऊंचे में 5700 रुपए प्रति क्विटंल सोयाबीन बिकी। वहीं, गीली और दागी (काले बीज, डंटल वाली) सोयाबीन को 2700 रुपए क्विंटल का ही भाव मिल पाया।

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यह वही सोयाबीन है जो कि किसानों ने नौ से 10 हजार रुपए क्विटंल का बीज खरीदकर बोई थी। आधी पैदावार होने के बाद उन्हें भाव से अच्छी उम्मीदें थीं लेकिन सीजन शुरू होते ही भाव सिमट गए। हालांकि प्लांट रेट साढ़े छह हजार होने से अब उम्मीद जताई जा रही है कि छह हजार से अधिक भाव अच्छी सोयाबीन को मिल जाएंगे, लेकिन कृषि बाजार की मंदी किसानों को सता रही है। बता दें कि जिले में औसतन पैदावार भले ही कुछ हिस्सों में अच्छी हुई हो लेकिन कई हिस्सों में बिल्कुल नष्ट हो गई है। ऐसे में औसतन पैदावार में कमी आई है। बावजूद इसके भाव की स्थिति ज्यादा बेहतर नहीं है।

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फिर चार दिन का अवकाश
अष्टमी, महानवमी, दशहरे पर लगातार तीन दिन का अवकाश रहने के बाद अब फिर से चार दिन का अवकाश मंडी में रहेगा। मंडी प्रबंधन के अनुसार 17 अक्टूबर को रविवार, 18 को सोमवार का साप्ताहिक अवकाश, 19 को मिलाद-उन-नबी और 20 को वाल्मीकि जयंती होने के कारण मंडी में अवकाश रहेगा। अछ्वान किया गया है कि इन दिनों में किसान उपज लेकर न पहुंचे। हालांकि इतनी छुट्टियां होने से किसान असमंजस में हैं, कइयों को सूचना नहीं होने के कारण आना पड़ा जो कि बैरंग लौट गए।

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