Railway news : फरवरी-22 तक चालू हो जाएगा दूधी रेलवे ब्रिज, रामगंजमंडी लाइन का रास्ता साफ

जबलपुर-भोपाल मंडल के जीएम, डीआरएम का दौरा दूधी नदी पर बन रहे मोहनपुरा (दूधी) के रेलवे ब्रिज का निरीक्षण करने स्पेशल ट्रेन से पहुंचेतय समय से दो घंटे देरी से आए, सीधे मोनपुरा डेम गए, फिर साइड देखी, बाद में ब्यावरा में इलेक्ट्रिफिकेशन डिपो का निरीक्षण किया

<p>ब्यावरा.रेलवे स्टेशन पर नये विद्युत डिपो का निरीक्षण करते जीएम-डीआरएम।</p>
ब्यावरा.जबलपुर-भोपाल रेल मंडल के जीएम (raiway GM) और डीआरएम (DRM) स्पेशल लोको ट्रेन से ब्यावरा पहुंचे। अपने तय समय से करीब दो घंटे देरी से आए अफसर पहले ब्यावरा से सीधे मोहनपुरा डेम पहुंचे, जहां निरीक्षण किया। वहां डेम में दूधी रेलवे ब्रिज के कारण आ रही दिक्कत को देखा। इसके बाद वे दूधी ब्रिज की साइड पर पहुंचे, जहां काम देखा।
शाम करीब साढ़े बजे लौटकर वे ब्यावरा स्टेशन पहुंचे, जहां इलेक्ट्रिफिकेशन के लिए बनाए गए टीआरडी के विद्युत डिपो पहुंचे और वहां निरीक्षण कर पौधरोपण किया। इस बीच पत्रिका से विशेष बातचीत में जीएम शैलेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि अगले साल फरवरी (2022) तक उक्त ब्रिज का काम पूरा कर लिया जाएगा। पूरी साइड का हमने निरीक्षण किया है, वैसे यह सामान्य निरीक्षण है लेकिन बड़ा प्रोजेक्ट पुल का है, इससे आवागमन में सुविधा के साथ ही मोहपनपुरा डेम की दिक्कत भी खत्म हो जाएगी। उनके साथ डीआरएम उदय बोरवणकर भी थे। मक्सी से होते हुए स्पेशल ट्रेन से वे ब्यावरा दोपहर करीब तीन बजे पहुंचे थे। उन्होंने बताया कि रामगंजमंडी-भोपाल लाइन प्रोजेक्ट को रेलवे की तरफ से कोई कमी नहीं रखी गई है। जो जमीनों के अधिग्रहण संबंधी दिक्कतें थीं उन्हें भी दूर कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि कोरोना चल रहा है लेकिन धीरे-धीरे हम सभी गाडिय़ां चल रहा हैं, लेकिन अब यह खत्म नहीं हुआ इसलिए जरूरी प्रोटोकॉल्स फॉलो भी हम करेंगे। उन्होंने स्पष्ट किया कि फिलहाल सभी गाडिय़ां रिजर्वड् रहेंगी, जनरल टिकिट चालू नहीं किए जाएंगे।
पड़ोनिया जोड़ के आगे से सीधी होगी लाइन, पुरानी काम नहीं आएगी
दूधी नदी पर बन रहे 27 पीयर्स (पीलर) वाले नये रेलवे ब्रिज के लिए साढ़े छह किलोमीटर का डायवर्शन होगा। इसके लिए पुरानी लाइन पूरी खाली हो जाएगी। लाइन को सीधा करने के लिए पड़ोनिया से ही समेली, माधोपुरा, परसूलिया की जमीनों से होते हुए नई लाइन डलेगी। यानि पुल के लिए करीब साढ़े किमी तक नई लाइन डाली जाना है, जिसमें तकरीबन 12 नये ब्रिज भी बनाए जाएंगे।
मौजूदा ब्रिज से पांच मीटर ऊंचा होगा नया वाला
३९८ मीटर क्षमता वाला मोहनपुरा डेम हर बार इसी ब्रिज के कारण खाली रखा जा रहा है। सालों पुराना रेलवे ब्रिज ३९५ मीटर ऊंचाई की क्षमता वाला है, जिसे करीब पांच मीटर तक बढ़ाकर 400 मीटर ऊंचा किया जागा। ऐसे में मोहनपुरा डेम को पूरा भर दिया जाएगा। यह सुविधा अगले साल से मिलने लग जाएगी, जिससे क्षमता अनुसार पानी डेम में रहेगाा, तमाम अड़चनें खत्म हो जाएंगी।

सीधी-बात जीएम (शैलेंद्र कुमार सिंह) और डीआरएम उदय बोरवणकर
सवाल- मोहनपुरा रेलवे ब्रिज का स्टेटस क्या है, कब तक पूरा होने की उम्मीद है?
जीएम- यह हमारा सामान्य दौरा था, ब्रिज का काम जारी है, अगले साल फरवरी तक पूरा कर लेंगे।
सवाल- हमारे यहां के सबसे बड़े प्रोजेक्ट रामगंजमंडी-भोपाल में देरी क्यों हो रही, राजस्थान में ट्रेनें दौड़ रही हैं?
जीएम- रेलवे और प्रशासनिक लेवल पर कुछ जमीनों का मामला अटका हुआ था, अब फंड आ चुका है, जल्द ही इस प्रोजेक्ट को गति मिलेगी?
सवाल- कोरोना के बाद कोई और सुधार रेलवे करेगा, जनरल टिकिट की डिमांड बढ़ रही, आम आदमी एफर्ड नहीं कर पा रहे महंगे टिकिट?
जीएम- फिलहाल कोरोना को खत्म नहीं माना जा सकता, एहतियातन हमने यह व्यवस्था बनाई है। हमारे यहां 72 पैसेंजर की कैपिसिटी में दो गुना लोग बैठते हैं, उन्हें समझाना मुश्किल होता है, इसलिए फिलहाल जनरल पर नहीं जाएंगे?
सवाल- 200 किमी के दायरे वाले जीआरपी थाने के लिए जमीन नहीं है, स्टॉफ के लिए निवास नहीं है, क्या बनेंगे?
डीआरएम- जीआरपी थाने के लिए जमीन देख चुके हैं, प्रपोजल भी तैयार हो चुका है। जल्द ही काम शुरू हो जाएगा, निवास का भी प्लॉन कर रहे हैं।
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