राजगढ़

weather news : आधा आषाढ़ बीता… जिले में पिछले साल से 77 एमएम कम बारिश, संकट में अन्नदाता

मानसून अलर्ट : 11 जुलाई को तेज बारिश, 16 से बेहतर बारिश की उम्मीद सर्वाधिक बारिश नरसिंहगढ़ में और सबसे कम खिलचीपुर में दर्ज की गई, औसत 142.80 एमएम ही बारिश

राजगढ़Jul 09, 2021 / 07:33 pm

Rajesh Kumar Vishwakarma

आधा आषाढ़ बीता… जिले में पिछले साल से 77 एमएम कम बारिश, संकट में अन्नदाता

ब्यावरा.इस बार रुठे हुए मानसून ने खरीफ की बोवनी का गणित बिगाड़ दिया है। न सिर्फ उनके बीज खराब हो रहे हैं आधे आषाढ़ माह तक होने वाली बारिश का आंकड़ा भी पिछले साल से काफी कम है। पिछले साल से 77 एमएम बारिश इस बार कम हुई है जो कि फसलों के हिसाब से नाकाफी है।
मौजूदा आंकड़ों के अनुसार सर्वाधिक बारिश नरसिंहगढ़ में 203.71 एमएम दर्ज की गई। वहीं, सबसे कम खिलचीपुर में 81.30 हुई। इसके कारण किसानों का गणित बिगड़ रहा है। उन्हें सोयाबीन के महंगे बीज के खराब होने की चिंता सता रही है। साथ ही खरीफ की अन्य फसलों का रूटीन भी गड़बड़ा गया है। कहीं-कहीं किसान बो दी गई उपज की सिंचाई रबी की फसलों की तर्ज पर करने लगे हैं। अब माना जा रहा है कि अगले सप्ताह तक हालात सुधरेंगे।
अगले पांच दिन महत्वपूर्ण, 11 को बारिश, 16 से बदलेगा मौसम
मौसमी उतरा-चढ़ाव के कारण इस बार क्षेत्र में अच्छी बारिश नहीं हो पाई है। कहीं हल्की तो कहीं सामान्य बारिश हुई है। अभी अगले पांच दिन महत्वपूर्ण रहेंगे, इसमें कुछ परिवर्तन के आसार हैं। अरब सागर से ही मौसम बदलने के कारण अब 11 जुलाई को प्रदेशभर में अच्छी बारिश के आसार हैं, जिसका आंशिक असर राजगढ़ जिले में भी रहेगा। वहीं, 16 जुलाई के बाद से मौसमी गतिविधियां और भी बदलती नजर आएंगी। फिलहाल अलग से कोई तीव्र माहौल बारिश का नहीं बन रहा है।
राजगढ़-खिलचीपुर पिछड़े, सर्वाधिक बारिश नरसिंगढ़ में
ब्लॉक बारिश 9-7-21 बारिश 9-7-20
जीरापुर 135.00 202.0०
खिलचीपुर 81.33 131.2
राजगढ़ 99.60 139.0
ब्यावरा 138.00 303.8
नरसिंहगढ़ 203.71 349.0
सारंगपुर 171.20 166.7
पचोर 164.60 246.0
औसत 142.80 299.7
(नोट : आंकड़े जिला भू-अभिलेख विभाग के अनुसार)
सूखने लगी तो मोटर से पानी पिलाने लगे किसान
फसलें खराब होने के कारण किसानों का रूटीन बिगड़ गया है। हर दिन खराब हो रही फसलों को देखकर दुखी होने वाले किसान अब रबी की फसल की तर्ज पर उसकी सिंचाई कर रहे हैं। खेत खराब न हो और बीज न बिगड़े इसके लिए वे उपज को पानी देने में लगे हुए हैं। जिले के कई गांवों में ऐसे हालात बन रहे हैं। हालांकि ज्यादा जमीन वाले किसान भी ये नहीं कर पा रहे हैं और न ही वे लोग भी यह कर पा रहे जिनके पास सीमित संसाधन है।
अगले पांच दिन रहेंगे खास
11 जुलाई के आस-पास अरब सागर से दक्षिण-पश्चिमी हवाओं के और मजबूत होने, पश्चिम मध्य और उससे सटे उत्तर पश्चिमी बंगाल की खाड़ी पर एक निम्न दबाव का क्षेत्र बनने के आसार हैं। मध्य स्तरों में एक पूर्व पश्चिम अपरूपण क्षेत्र (ईस्ट वेस्ट शियर जोन) चलायमान होने से अगले पांच दिन में पूरे प्रदेश में अनेक स्थानों में कहीं-कहीं भारी बारिश की संभावना है। 11 जुलाई को पिश्चमी एमपी में भारी बारिश हो सकती है।
-एस. के. नायक, वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक, भोपाल

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