टेडर प्रक्रिया ओपन
विभागीय सूत्रों के अनुसार शहर की ५६ अवैध कॉलोनियों में से सभी को वैध कॉलोनियों में शामिल करना है। इनकी डीपीआर तैयार कराई जा रही है। ताकि यहां विकास कार्य पूर्ण कराए जा सकें। अब वैध कॉलेानियों से नगर पालिका संपत्ति कर जलकर आदि भी वसूला जा सकेगा। नपा सीएमओ ज्योति सुनेरे का कहना है कि मुख्यमंत्री की घोषणा के मुताबिक यह प्रक्रिया जल्द पूर्ण कर की जाएगी। उन्होंने यह बात भी स्वीकार की कि बारिश के कारण भी इस कार्य में थोड़ी देरी हुई है। नगर की ५६ अवैध कॉलोनियों को वैध कराए जाने के लिए टेंडर प्रक्रिया ओपन करवा ली गई है। कंस्टलटेंस से नक्शे बनवाकर बेवपोर्टल पर अपलोड कराने की प्रक्रिया कराना बाकी है।इन कॉलोनियों में ले-आउट और वर्क ऑर्डर भी दिया जाना है।
यह कॉलोनियां होंगी वैध
नपा से मिली जानकारी के सीएम की मंशानुरूप शहर की ५६ अवैध कॉलोनियों को वैध किया जाना है। इनमें वार्ड चार की वीआईपी कॉलोनी, रामनगर कॉलोनी, मनोरमा कॉलेानी, शांति नगर कॉलोनी, ड्रीमलेंड सिटी, सांई बिहार, प्रिंस बिहार कॉलोनी सहित अन्य कालोनियां शामिल हैं। इन कॉलोनियों को वैध किए जाने के बाद यहां के रहवासियों को सडक़, बिजली और पानी आदि की मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध हो सकेगी।
अभी ये हं परेशानियां
शहर में कालोनाईजरों द्वारा प्लॉट एवं मकान मालिकों को पर्याप्त व्यवस्था एवं सुविधाओं का वादा कर उनसे मोटी कीमत वसूल कर ली गई। लेकिन ज्यादातर कालोनियों में मकान मालिकों को मूलभूत सुविधाएं भी आज तक नहीं मिल पा रही है। कहीं पर बिजली के खंभे की जगह बांस-बल्लियों पर लाइन खिंची हुई है। तो अधिकतर कालोनियों में कच्ची सडक़ के कारण दल-दल की स्थिति बनी है। खाली प्लॉटों में भरे पानी और निस्तार के पानी की निकासी भी बड़ी परेशानी सामने आ रही।
शहर की प्रमुख और अच्छी कालोनियों मेें भी पक्की सडक़ लोगों को नसीब नहीं हो सकी। क्योंकि कालोनाईजरों ने प्लॉट और मकान बेचकर सुविधाओं की तरफ ध्यान देना जरूरी नहीं समझा। ऐसे में रहवासी हर दिन परेशानी उठा रहे। सबसे ज्यादा दिक्कतें तो बारिश के दिनों में होती है। जब तेज बारिश के कारण उनके घरों तक पानी भरा जाता और पूरी कालोनी में अंधेरा पसरा रहता है।
पीके साहू, इंजीनियर नपा रायसेन