अब कटाई में होगी देरी: बारिश में पकी फसलों के भीग जाने और खेतों में आड़ी हो जाने से कटाई का काम लगभग एक सप्ताह पिछड़ जाएगा। जब तक फसलें पूरी तरह नहीं सूख जाएंगी, तब तक कटाई करना मुश्किल होगा। ऐसे में किसानों सहित मजदूरों की दीपावली की तैयारियां भी अधूरी रह जाएंगी।
ये बोले क्षेत्र के किसान
किसान राम सिंह, सेवक राम, सुरेश कुमार, पूरन सिंह, दयाराम, बाबू भाई, रामदयाल, विजय कुमार का कहना है कि अचानक हुई तेज बारिश के कारण हमारी धान फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है। सही नुकसान का आंकलन धूप निकलने के बाद ही होगा। सबसे ज्यादा नुकसान कटी फसलों को होगा। आड़ी हुई हरी फसलों के भी अब खड़े होने की उम्मीद कम है, तना मोटा होने से टूट गया है, तो फसल खड़ी नहीं होगी, जिससे उपज कमजोर होगी।
अफसर निकलें बाहर: गौहरगंज के किसान दयाराम, भूपत सिंह, सुल्तानपुर के रमेश पटेल का कहना है कि इस बारिश से जिन अधिकारियों को फसलों में नुकसान नहीं दिख रहा है, वे अपने एसी कमरों से बाहर निकलें, खेतों में आकर देखें किस तरह फसलें बर्बाद हुई हैं। कृषि विभाग के अधिकारी अपने दफ्तरों में बैठकर पूरे जिले का अनुमान लगाते हैं, जो गलत साबित होते हैं।
कई गांवों में नुकसान: गौहरगंज. रविवार रात और सोमवार को क्षेत्र में जोरदार बारिश हुई, जिससे ग्राम नयापुरा, बेजलपुर सहित आस-पास के कई गांवों में फसलें आड़ी हो गईं। खेतों में पानी भरने से कटी हुई फसलें पानी में डूब गईं। किसान प्रीतम, बिहारी लाल, धर्मचंद, प्रेम नारायण, देवीराम, प्रभु दयाल, परसराम आदि के खेतों की खड़ी फसलें पूरी तरह आड़ी हो गई हैं। ऊपर से पानी भी भरा हुआ है, जिससे फसलों के बचने की कोई उम्मीद नहीं है। किसानों का कहना है कि प्रशासन को तुरंत फसलों का सर्वे कराना चाहिए। नुकसान का आंकलन कर मुआवजा देना चाहिए।
-एनपी सुमन, सहायक संचालक कृषि