धार्मिक स्थलों में जहां पर लोग गोल घेरे में खड़े होंगे, ऐसा चिन्ह बनाना पड़ेगा। धार्मिक स्थल के परिसर में जाने से पहले हाथ-पैर को साबुन से अच्छी तरह से धोना होगा। जूते-चप्पलों को संभव हो तो गाड़ी में ही उतारना होगा, या फिर इन्हें उचित दूरी पर अलग-अलग रखना होगा। मंदिर में लाइन लगाने के लिए पर्याप्त दूरी के हिसाब से लगे निशानों में खड़ा होना होगा। मूर्ति या पवित्र किताब को छूने और जिसमें ज्यादा लोग एकत्रित हो, ऐसे धार्मिक आयोजन करने की मनाही है। हाथों से प्रसाद या फिर पवित्र जल देने की मनाही है।
श्रद्धालुओं को धर्मस्थल पर सार्वजनिक आसन इस्तेमाल करने के स्थान पर अपना आसन या चटाई लानी होगी और उसे अपने साथ ही वापस ले जाना होगा। धर्मस्थलों पर प्रसाद जैसी भेंट नहीं चढ़ाई जाएगी और न ही पवित्र जल का छिड़काव या वितरण किया जाएगा। सामुदायिक रसोई, लंगर और अन्नदान इत्यादि की तैयारी और भोजन के वितरण में शारीरिक दूरी के मानकों का पालन किया जाएगा।
हैंड सैनिटाइजर और थर्मल स्क्रीनिंग जरूरी
सभी धर्मस्थल के प्रवेश द्वार पर अनिवार्य रूप से हैंड सैनिटाइजर और थर्मल स्क्रीनिंग सुनिश्चित करेंगे। इसके अलावा वहां सिर्फ बिना लक्षणों वाले मास्क लगाए श्रद्धालुओं को ही प्रवेश की अनुमति दी जाएगी। श्रद्धालुओं को साबुन से हाथ-पैर धोकर परिसर में जाने के लिए कहा गया है। धर्मस्थल पर प्रतिमाओं और धार्मिक पुस्तकों को छूने की अनुमति नहीं होगी। कोविड- 19 के एहतियाती उपायों के विषय में ऑडियो-वीडियो के जरिए जागरूकता भी फैलाई जाएगी।
वाहनों में ही उतारने होंगेअपने जूते-चप्पल
संभव हो तो श्रद्धालु अपने जूते-चप्पलों को अपने वाहन में ही उतारेंगे, लेकिन जरूरत पडऩे पर व्यक्ति या परिवार के जूते-चप्पलों को श्रद्धालु द्वारा स्वयं अलग स्लॉट में रखा जाएगा। धर्मस्थल के भीतर या बाहर स्थित दुकानों, स्टॉलों और कैफेटेरिया में शारीरिक दूरी मानकों का हर समय पालन करना होगा।
एयर कंडीशन और वेंटीलेशन के विषय में कहा गया है कि तापमान 24 से 30 डिग्री सेंटीग्रेट के बीच होना चाहिए और रिलेटिव ह्यूमिडिटी यानी सापेक्षिक आद्र्रता 40 से 70 फीसदी के बीच होनी चाहिए। धर्मस्थल प्रबंधन को नियमित रूप से फर्श और अन्य सतहों की सफाई करानी होगी और डिस्इंफेक्शन कराना होगा।