एसोसिएशन के युवा सदस्य और छत्तीसगढ़ के घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र दंतेवाड़ा बचेली के रहने वाले गणेश कर ने बताया कि हमारा संगठन का उद्देश्य विदेश में रह रहे छत्तीसगढ़ के लोगों को अपनेपन का एहसास दिलाना है। साथ ही हम विदेशी नागरिकों में छत्तीसगढ़ की संस्कृति को करीबी से जानने के लिए नाचा इवेंट करते हैं। सबसे खास बात यह है कि नार्थ अमेरिका छत्तीसगढ़ एसोसिएशन नाचा छत्तीसगढ एनआरआई की किसी भी देश में इतनी बड़ी एसोसिएशन नहीं है। साथ ही उनकी पूरी युवा टीम विदेशी नागरिकों को जोड़कर जरूरत मंदों की मदद करते हैं।
शिकागो के बच्चों ने खेला खोखो, पिठूल
शिकागो के वार्षिक पिकनिक में छत्तीसगढ़ और विदेशी नागरिकों के बच्चों ने एक साथ कबड्डी, वालीबॉल, खो-खो, पिठूल खेल खेला। इस तरह का इवेंट बोस्टन, सिएेटल, टोरंटों में भी किया जा चुका।
शिकागो के वार्षिक पिकनिक में छत्तीसगढ़ और विदेशी नागरिकों के बच्चों ने एक साथ कबड्डी, वालीबॉल, खो-खो, पिठूल खेल खेला। इस तरह का इवेंट बोस्टन, सिएेटल, टोरंटों में भी किया जा चुका।
इन जिलों के युवा है नाचा के सदस्य
नार्थ अमेरिका छत्तीसगढ़ एसोसिएशन नाचा में बचेली दंतेवाड़ा से दीपाली सरयोगी, रायपुर से मेघा नदगिर, भिलाई से श्वेता साहू, महासमुंद से रागिनी साहू, राजनांदगांव से अमनदीप भाटिया, बिलासपुर से पंकज अग्रवाल जुड़े हुए हैं।
नार्थ अमेरिका छत्तीसगढ़ एसोसिएशन नाचा में बचेली दंतेवाड़ा से दीपाली सरयोगी, रायपुर से मेघा नदगिर, भिलाई से श्वेता साहू, महासमुंद से रागिनी साहू, राजनांदगांव से अमनदीप भाटिया, बिलासपुर से पंकज अग्रवाल जुड़े हुए हैं।
अपनी संस्कृति के करीब
यहां गुजरात, आंघ्रप्रदेश सहित कई स्टेट के लोग रहते हैं, जिनकी अपनी एक एसोसिएशन है। वहीं, छत्तीसगढ़ के एनआरआई की अब तक अपनी कोई संस्था नहीं होने से वे अपने आप को अलग-थलग थे। लेकिन अब नार्थ अमेरिका छत्तीसगढ़ एसोसिएशन की स्थापना के बाद से छत्तीसगढि़या एकजुट होकर अपनी संस्कृति के करीब रह रहे हैं।
यहां गुजरात, आंघ्रप्रदेश सहित कई स्टेट के लोग रहते हैं, जिनकी अपनी एक एसोसिएशन है। वहीं, छत्तीसगढ़ के एनआरआई की अब तक अपनी कोई संस्था नहीं होने से वे अपने आप को अलग-थलग थे। लेकिन अब नार्थ अमेरिका छत्तीसगढ़ एसोसिएशन की स्थापना के बाद से छत्तीसगढि़या एकजुट होकर अपनी संस्कृति के करीब रह रहे हैं।
करते हैं गरीबों की मदद
सात समुंदर पार विदेशी धरती पर जहां अपने प्रदेश की लोक संस्कृति का जलवा बिखेर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर जरूरतमंदों की मदद करने का नेक काम भी कर रहे हैं। फोन पर हुई बात में गणेश कर ने बताया कि हमारी संस्था न सिर्फ परेशानी में पड़े भारतीयों की मदद करती है, बल्कि भारत से यहां आकर पढ़ाई और कारोबार की इच्छा रखने वालों की काउंसिलिंग भी करती है।
सात समुंदर पार विदेशी धरती पर जहां अपने प्रदेश की लोक संस्कृति का जलवा बिखेर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर जरूरतमंदों की मदद करने का नेक काम भी कर रहे हैं। फोन पर हुई बात में गणेश कर ने बताया कि हमारी संस्था न सिर्फ परेशानी में पड़े भारतीयों की मदद करती है, बल्कि भारत से यहां आकर पढ़ाई और कारोबार की इच्छा रखने वालों की काउंसिलिंग भी करती है।