बैठक में स्वास्थ्य सचिव सिंह ने सैंपल कलेक्शन की इस नई व्यवस्था के संबंध में सभी कलेक्टरों को इसके निर्देश दिए है। मोबाइल एम्बुलेंस संग्रहण के लिए संभावित मरीजों के घर के सामने पहुंचेंगी और उसमें मौजूद लैब टेक्नीशियन पीपीई किट, एन-95 मास्क एवं अन्य सुरक्षा उपकरण पहनकर एम्बुलेंस के पिछले हिस्से में एक-एक कर सभी कोरोना संभावितों का सैंपल कलेक्ट करेंगे। सचिव ने कहा कि प्रत्येक संभावित व्यक्ति का सैंपल कलेक्शन करते समय लैब टेक्नीशियन सिर्फ अपने हैण्डग्लब्स चेंज करेगा। पूरा पीपीई किट बदलने की आवश्यकता नहीं होगी। मोबाइल एम्बुलेंस के माध्यम से एक दिन में ही कई घरों में जाकर संभावितों का सैंपल कलेक्शन किया जा सकेगा।
सचिव श्रीमती सिंह ने विभागीय अधिकारियों को कोरोना संक्रमण की रोकथाम हेतु किए जा रहे प्रयासों के साथ ही स्वास्थ्य विभाग की अन्य सेवाओं का भी बेहतर क्रियान्वयन सुनिश्चित के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिला चिकित्सालय सहित सभी स्वास्थ्य केन्द्रों में आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाएं, टीकाकरण, संस्थागत प्रसव, गैरसंचारी एवं संचारी रोगों की रोकथाम तथा अन्य स्वास्थ्य कार्यक्रमों का लाभ लोगों को समुचित रूप से मिलना चाहिए। बैठक में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों के इलाज के लिए सभी जिला चिकित्सालयों में कोरोना आईसोलेशन वार्ड की स्थापना के संबंध में विस्तार से चर्चा की गई।
सचिव सिंह ने कोरोना आईसोलेशन वार्ड को चिकित्सालयों के अन्य वार्डों से पर्याप्त दूरी एवं अलग रखने को कहा, ताकि जिला चिकित्सालय में आने वाले मरीजों को इससे कोई परेशानी न हो। बैठक में माना रायपुर, मेडिकल कॉलेज राजनांदगांव, मेडिकल कॉलेज जगदलपुर, अम्बिकापुर तथा बिलासपुर में कोविड अस्पताल की तैयारियों की भी समीक्षा की गई। बैठक में संयुक्त सचिव स्वास्थ्य डॉ. सी.आर. प्रसन्ना, संचालक स्वास्थ्य नीरज बंसोड़, संचालक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन डॉ. प्रियंका शुक्ला सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।