उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ में राम वन गमन पर्यटन परिपथ विकसित करने के लिए प्रदेश के 9 स्थलों का चयन करते हुए 137 करोड़ 45 लाख रूपए की लागत का एक कॉन्सेप्ट प्लान तैयार किया गया है। इन स्थलों को केन्द्र सरकार की स्वदेश दर्शन योजना के तहत पर्यटकों की सुविधा के लिए विश्वस्तरीय अधोसंरचनाएं विकसित करने का प्रावधान है। चयनित स्थलों में सीतामढ़ी-हरचौका जिला कोरिया, रामगढ़ जिला सरगुजा, शिवरीनारायण जिला जांजगीर-चांपा, तुरतुरिया जिला बलौदाबाजार, चंदखुरी जिला रायपुर, राजिम जिला गरियाबंद, सिहावा-सप्तऋषि आश्रम जिला धमतरी, जगदलपुर जिला बस्तर और रामाराम जिला सुकमा शामिल हैं। राम वन गमन पर्यटन परिपथ के लिए राज्य शासन द्वारा गत वित्तिय वर्ष 2019-20 में 5 करोड़ और चालू वित्तीय वर्ष 2020-21 में 10 करोड़ रूपए का प्रावधान बजट में किया गया है।
मंत्री साहू ने बुधवार को अपने रायपुर निवास कार्यालय में पर्यटन और धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग के काम-काज की समीक्षा की। उन्होंने छत्तीसगढ़ के सभी धार्मिक स्थलों और उन स्थानों में लगने वाले मेले-मड़ई की सूची एकत्रित करने को कहा, ताकि विभिन्न अवसर पर होने वाले धार्मिक आयोजनों, मेले-मड़ई, महोत्सव आदि को ध्यान में रखते हुए उन स्थानों का आवश्यक मरम्मत के साथ ही वहां पर धर्मशाला, मंदिरों में प्रसाद वितरण काउंटर एवं सौंदर्यीकरण से संबंधित कार्यों के लिए अनुदान राशि स्वीकृत करने के लिए वार्षिक कार्य-योजना बनाई जा सके। बैठक में सचिव पर्यटन पी.अन्बलगन एवं छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल की प्रबंध संचालक इफ्फत आरा सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
बच्चों के लिए गार्डन एवं झूले तथा वरिष्ठ नागरिकों के लिए पाथ बने
मंत्री साहू ने प्रदेश के विभिन्न जिलों में स्थित पर्यटन स्थलों-पहाड़ों, झरनों, जलाशयों, ऐतिहासिक एवं पुरातात्विक महत्व के स्थलों के आसपास पर्यटकों खास कर बच्चों के लिए गार्डन एवं झूले तथा वरिष्ठ नागरिकों के लिए पाथ आदि निर्माण कर प्रारंभिक स्तर पर कराने को कहा। उन्होंने कहा कि जैव विविधता एवं उन पर्यटन स्थल की प्राकृतिक सुंदरता को ध्यान में रखकर ड्राइंग और डिजाइन तैयार करें, ताकि वे अपने वास्तविक रूप में प्राकृतिक सौंदर्य के साथ पर्यटकों को आकर्षित कर सकें।