दवा कारोबारियों का आरोप, कंपनियां कर रही विदेशों में सेनिटाइजर और मास्क की सप्लाई

जिला दवा विक्रेता संघ ने स्वास्थ्य विभाग को सौंपी लिस्ट, 15 लाख सेनिटाइजर और 10 लाख मास्क का आर्डर दिया

<p>दवा कारोबारियों का आरोप, कंपनियां कर रही विदेशों में सेनिटाइजर और मास्क की सप्लाई</p>
रायपुर. सेनिटाइजर और मास्क की किल्लत के मामले में दवा कारोबारियों का आरोप है कि छत्तीसगढ़ और दूसरे राज्यों की कंपनियां ज्यादा पैसा कमाने और विदेशी मुद्रा की लालच में विदेशों में इसकी सप्लाई कर रही है। रायपुर जिला दवा विक्रेता संघ ने इस मामले में खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग को उन कंपनियों की लिस्ट भी सौंपी है, जिसमें मेडिकल स्टोर्स संचालकों ने कंपनियों को सेनिटाइजर और मॉस्क का ऑर्डर दिया है। इस मामले में दवा कारोबारियों ने स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव से मुलाकात कर मांग की है कि कंपनियों पर तुरंत विदेशी सप्लाई पर प्रतिबंध लगाने के लिए कदम उठाया जाए, क्योंकि देश के भीतर ही आम लोगों को सेनिटाइजर और मॉस्क नहीं मिल रहा है, जबकि मांग कई गुणा बढ़ चुकी है। दवा विक्रेता संघ ने भरोसा दिलाया कि वे बिना किसी मार्जिन के सेनिटाइजर व मॉस्क बेचेंगे।

चीन से लेना बंद किया, अब भारत से
दवा कारोबारियों ने बताया कि सिंगापुर, मलेशिया, थाईलैंड सहित एशिया के अन्य देशों के लिए देश के भीतर की कंपनियां पैसों के लालच में माल विदेशों में सप्लाई कर रही है। इन उत्पादों के लिए सबसे ज्यादा निर्भरता चाइना से होती थी, लेकिन चाइना में फिलहाल कारोबार पूरी तरह ठप है। इसलिए अब भारत की कंपनियों को ऑर्डर दिया गया है।

माल कब मिलेगा तय नहीं
थोक दवा कारोबारियों से मिली जानकारी के मुताबिक कंपनियों अलग-अलग थोक कारोबारियों ने राजधानी के लिए ही लगभग 20 लाख सेनिटाइजर और 15 लाख मॉस्क का ऑर्डर दिया है। इसके लिए एडवांस में राशि भी दे दी गई है, लेकिन माल कब मिलेगा यह तय नहीं है। कंपनियों की पहली प्राथमिकता विदेशी सप्लाई है।

छापेमारी में बड़ा स्टॉक नहीं मिला
राजधानी के मेडिकल स्टोर्स में लोगों को सेनिटाइजर और मॉस्क की भारी किल्लत से जूझना पड़ रहा है। हर दुकानों में लोगों को मायूसी के साथ लौटना पड़ रहा है। इससे पहले खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग ने दुकानों में छापेमारी और जांच-पड़ताल भी की थी, लेकिन मेडिकल स्टोर्स
में स्टॉकिंग का खुलासा नहीं हो पाया।

सेनिटाइजर और मॉस्क बनाने वाली कंपनियों को एडवांस में पैसा दिया गया है, लेकिन माल नहीं मिल रहा है। ये कंपनियां विदेशों में माल सप्लाई कर रही है। इसकी शिकायत स्वास्थ्य मंत्री व खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग से की गई है। इस मामले में केंद्र व राज्य सरकार को त्वरित कदम उठाना चाहिए व अन्य देशों में निर्यात पर तुरंत प्रतिबंध लगाना चाहिए।
विनय कृपलानी, अध्यक्ष, रायपुर जिला थोक दवा विक्रेता संघ
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