उन्होंने ठेकेदार और मुंशी का मोबाइल नंबर मजदूरों से लिया और उत्पात मचाकर निकल गए। एक वाहन पूरी तरह जलकर खाक हो गया, जबकि मजदूरों ने माओवादियों के जाने के बाद 3 अन्य वाहनों में लगी आग बुझा दिया। सूचना मिलते ही घटनास्थल से करीब 4 किमी दूर छत्तीसगढ़ के बलरामपुर थाना क्षेत्र के करौंधा थाना प्रभारी रात में ही दल-बल के साथ मौके पर पहुंचे।
फिर उन्होंने मजदूरों से पूछताछ के बाद निर्माण कार्य में लगे अन्य वाहनों को सुरक्षित कैंपस में खड़ा कराया। मजदूरों ने बताया कि माओवादी पेट्रोल भी लेकर आए थे। वारदात में पीएलएफआई संगठन के शामिल होने की बात कही जा रही है।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ पुलिस जल्द ही झारखंड बॉर्डर पर माओवादियों के खिलाफ ऑपरेशन प्रहार शुरू करने वाली है। इसके लिए रणनीति भी बनाई जा चुकी है। ज्ञात हो कि 4 दिन पहले ही झारखंड से आए माओवादियों ने छत्तीसगढ़ की सीमा में घुसकर सडक़ निर्माण में लगे 7 वाहनों को आग के हवाले किया था। बंदरचुआ के पास वाहनों में आग लगाए जाने वाले स्थल तथा बंदरचुआ से पुंदाग तक बन रही सडक़ का सोमवार को ही सरगुजा रेंज के आईजी रतनलाल डांगी ने जायजा लिया था।