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भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि प्रदेश के सभी किसानों का धान नहीं खरीदा जा सका है। कई जिलों में किसान आंदोलन कर रहे हैं। किसानों ने सरकार से आत्महत्या की अनुमति मांगी है। जिनके दम पर यह सरकार सत्ता में आई, उनकी ऐसी दुर्दशा शर्मनाक है। नगरीय प्रशासन मंत्री शिव डहरिया ने कहा कि 15 सालों तक इन लोगों ने किसानों का शोषण किया है। अब किसानों के नाम पर घडिय़ाली आंसू बहा रहे हैं। इसके बाद दोनों पक्षों में नोकझोंक शुरू हो गई।
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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि ये लोग चर्चा में भाग नहीं लेना चाहते। इसलिए इस तरह हंगामा कर रहे हैं। अगर इस विषय पर चर्चा करेंगे तो इनकी कलई खुल जाएगी। ये लोग पलायन करने का बहाना खोज रहे हैं। मुख्यमंत्री ने विधानसभा अध्यक्ष से स्थगन प्रस्ताव को स्वीकार कर चर्चा की अनुमति देने का आग्रह किया। सरकार चर्चा के लिए तैयार हुई तो विपक्ष मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से एक लाइन में घोषणा की मांग पर अड़ गया। अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने कहा कि पहले खाद्य मंत्री अमरजीत भगत वस्तुस्थिति स्पष्ट करेंगे। उसके बाद मुख्यमंत्री अपनी बात रखेंगे। विपक्ष इसपर तैयार नहीं हुआ। इसपर विपक्ष और सत्ता पक्ष के विधायकों के बीच तीखी नोकझोंक हुई। नाराज विपक्ष नारेबाजी करते हुए गर्भगृह में आ गया। इसकी वजह से अध्यक्ष ने भाजपा, जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ और बसपा के 19 विधायकों को निलंबित कर दिया।पीएम मोदी को डंडे मारने वाले राहुल गांधी के बयान का छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने किया समर्थन
निलंबित विधायकों में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक, डॉ. रमन सिंह, बृजमोहन अग्रवाल, ननकीराम कंवर, पुन्नूलाल मोहले, अजय चंद्राकर, नारायण चंदेल, शिवरतन शर्मा, कृष्णमूर्ति बांधी, सौरभ सिंह, डमरुधर पुजारी, विद्यारतन भसीन, रजनीश कुमार सिंह, रंजना डीपेंद्र साहू, धर्मजीत सिंह, डॉ. रेणु जोगी, प्रमोद कुमार शर्मा, केशव प्रसाद चंद्रा और इंदू बंजारे शामिल थीं। विधायकों के निलंबन के बाद सदन की कार्यवाही भोजनावकाश तक के लिए स्थगित की गई। विपक्ष ने विधानसभा परिसर स्थित महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने प्रदर्शन किया। सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर भी विपक्ष नहीं लौटा। हालांकि उनका निलंबन रद्द कर दिया गया था।सांसद सरोज पांडेय ने लैंगिक अपराधों में बालकों का संरक्षण संशोधन विधेयक किया प्रस्तुत
मुख्यमंत्री बोले- काले मन के ही हैं ये लोग
सदन के बाहर संवाददाताओं से चर्चा में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि ये दरअसल काले मन के हैं ही। आज कपड़े भी काले पहन लिए हैं। उन्होंने कहा कि हमने 93 फीसदी किसानों का धान खरीदा है। भाजपा 75 फीसदी धान ही खरीदती थी। हम किसानों को बोनस देना चाहते थे। केंद्र सरकार से कहने को तैयार नहीं हुए। ये केवल राजनीति कर रहे हैं। हम हमेशा से कहते रहे हैं विपक्ष में ये सब एक हैं, मिलेजुले हैं। आज साबित हुआ है। हम तो चर्चा को तैयार थे, ये लोग चर्चा क्यों नहीं किए।