लोइंग का किसान कर रहा बंदूक के बट की खेती, दूर-दूर से आते हैं खरीदार

ब्रजेश कुमार गुप्ता आरईएस विभाग में इंजीनियर हैं। इसके अलावा अपने गांव में खेती-बाड़ी करते हैं। गांव में ही तीन स्थानों पर 10 एकड़ जमीन है। खेत के किनारे-किनारे 400 महोगनी के पौधे लगाए हैं, जो अब पेड़ का रूप लेने लगे हैं।

<p>लोइंग का किसान कर रहा बंदूक के बट की खेती, दूर-दूर से आते हैं खरीदार</p>

चूड़ामणि साहू@रायगढ़. जिले के लोइंग गांव का इंजीनियर बंदूक के बट बनने वाले महोगनी पेड़ों की खेती भी कर रहा है। महोगनी के पौधे वह हैदराबाद से लाया है। अभी यह पौधे तीन साल के हैं। करीब 13 साल बाद यह पांच फीट गोलाई के होने के बाद बिक्री के लायक होंगे। इसके ग्राहक भी हैदराबाद सहित अन्य जगहों से आएंगे और इसे खरीदेंगे। इसके अलावा कृषक चंदन सहित अन्य पेड़ों की खेती भी करता है।

रायगढ़ विकासखंड के ग्राम लोइंग के ब्रजेश कुमार गुप्ता आरईएस विभाग में इंजीनियर हैं। इसके अलावा अपने गांव में खेती-बाड़ी करते हैं। गांव में ही तीन स्थानों पर 10 एकड़ जमीन है। खेत के किनारे-किनारे 400 महोगनी के पौधे लगाए हैं, जो अब पेड़ का रूप लेने लगे हैं। इसके अलावा 100 चंदन के पौधे और 150 पाम के पौधे लगाए हैं। सरकारी सर्विस में होने के बाद भी वे खेती के समय निकालते हैं।

जिस दिन छुट्टी रहती है, उस दिन वे पूरा समय खेती के लिए देते हैं। उनकी अनुपस्थिति में उनका छोटा भाई देखरेख करता है। खेत में प्रतिदिन 10 श्रमिक कार्य करते हैं। ब्रजेश गुप्ता द्वारा चार एकड़ में टमाटर, दो एकड़ में बैगन, तीन एकड़ में लौकी सहित बरबट्टी व करेला भी उगाया गया है।

खेती के गुर सीखने चार राज्यों से आ चुके किसान

ब्रजेश गुप्ता से खेती के गुर सीखने के लिए छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों से किसान उनके पास पहुंचते हैं। इसके अलावा ओडिशा, महाराष्ट्र व पश्चिम बंगाल से भी किसान आ चुके हैं। जिले में जब भी कोई किसान बाहर से भ्रमण के लिए आता है तो यहां के अधिकारी उनके पास जरूर भेजते हैं।

यह है उनका ड्रीम प्रोजेक्ट

ब्रजेश ने अपना ड्रीम प्रोजेक्ट भी तय किया है। उन्होंने शौक के तौर पर इलायची, दालचीनी, अजवाइन, पिपली, मसाला पत्ती, नाशपाती, काजू, बादाम, अंजीर, अंगूर, सेब, मौसंबी, संतरा, नारियल, सुपारी, आम, अमरूद, वाइट वेक्स एप्पल, चेरी, ड्रेगनफ्रुट भी लगाए हैं।

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