खाद का खेल: जिनके पास जमीन नहीं उन्हीं के नाम पर जिले में सर्वाधिक यूरिया की खरीदी

यही नहीं शेष 9 लोगों का सत्यापन किया गया तो पता चला कि उनके पास काफी कम जमीन है। जितनी भूमि उनके नाम पर है उसमें खरीदे गए खाद की मात्रा काफी अधिक है। अगर और जांच हुई तो और ढेरो प्रकरण सामने आ सकते हैं। जिसमें किसानों के नाम पर खाद की खरीदी दिखाकर गोलमाल किया गया है।

<p>खाद का खेल: जिनके पास जमीन नहीं उन्हीं के नाम पर जिले में सर्वाधिक यूरिया की खरीदी</p>

रायगढ़. जिले में खाद की किल्लत के बीच चौकाने वाला खुलासा हुआ है। जिले में 16 लोग ऐसे मिले हैं जिनके नाम पर सबसे अधिक 848 एमटी यूरिया खाद की खरीदी हुई है, जबकि इनके नाम पर जमीन ही नहीं है। कुछ ऐसे किसान भी मिले हैं जिनके नाम पर जमीन तो है लेकिन जितनी मात्रा की जरूरत है उससे कई गुना अधिक खाद की खरीदी की गई है। केंद्र सरकार ने एक ऑनलाइन आदेश जारी किया है जिसमें छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों में टॉप 25 किसानों का सत्यापन करवा कर उसकी जांच रिपोर्ट मांगी है।

केंद्र सरकार द्वारा जारी सूची में 25 ऐसे लोगों का नाम दिया गया है जिनके नाम पर खाद की खरीदी क्षेत्र में सबसे अधिक की गई है। जिले में भी ऐसे 25 खाद क्रेताओंं की सूची जारी की गई थी। अधिकारिक सूत्रों के अनुसार टॉप 25 किसानों में 16 किसान ऐसे हैं जिनके नाम पर जमीन ही नहीं है और उनके नाम पर खाद की खरीदी गई है, इसमें खरसिया क्षेत्र में 8 किसान हैं तो 8 बरमकेला, सरिया और सारंगढ़ क्षेत्र में है।

यही नहीं शेष 9 लोगों का सत्यापन किया गया तो पता चला कि उनके पास काफी कम जमीन है। जितनी भूमि उनके नाम पर है उसमें खरीदे गए खाद की मात्रा काफी अधिक है। अगर और जांच हुई तो और ढेरो प्रकरण सामने आ सकते हैं। जिसमें किसानों के नाम पर खाद की खरीदी दिखाकर गोलमाल किया गया है।

जिनके नाम पर हुई खरीदी उनको पता ही नही

खरसिया क्षेत्र में जिन 8 भूमिहीन लोगों के नाम पर खाद खरीदी की गई उनमें से अधिकांश खाद क्रय करने के लिए सोसायटी ही नहीं गए हैं और न ही खाद क्रय के बारे में उनको कोई जानकारी है।

समिति संचालकों की मिलीभगत से चल रहा काम

संदेह जताया जा रहा है कि इस बार खाद वितरण में पारदर्शिता बरतने के लिए ऑनलाइन सिस्टम किया गया है जिसके कारण समिति प्रबंधक व प्राइवेट दुकान संचालको ने मिलीभगत कर लाभ कमाने के लिए यह घालमेल किया है।

टॉप 25 किसानों का सत्यापन किया गया है। सत्यापन के बाद जांच रिपोर्ट केंद्र शासन को भेज दी गई है। कुछ गड़बड़ी सामने आई है। निर्देश के मुताबिक कार्रवाई होगी।

-भीम सिंह, कलेक्टर रायगढ़

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